सार
February 2023 Festival Calendar: साल 2023 का दूसरा महीना फरवरी जल्दी ही शुरू होने वाला है। ये महीना व्रत-त्योहारों के दृष्टिकोण से बहुत खास रहेगा क्योंकि इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें महाशिवरात्रि प्रमुख है।
उज्जैन. साल 2023 का दूसरा महीना फरवरी कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। महीने की शुरूआत के 5 दिन माघ मास के रहेंगे। इसके बाद फाल्गुन मास पूरे महीने रहेगा। (February 2023 Festival Calendar) फरवरी 2023 में माघी पूर्णिमा, जया एकादशी, सीताष्टमी, महाशिवरात्रि, आदि प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। आगे जानिए फरवरी 2023 में मनाए जाने वाले त्योहारों की पूरी डिटेल…
फरवरी 2023 व्रत-त्योहार
1 फरवरी, बुधवार- भीष्म एकादशी, जया एकादशी
2 फरवरी, गुरुवार- तिल द्वादशी, भीष्म द्वादशी, प्रदोष व्रत
3 फरवरी, शुक्रवार- भगवान विश्वकर्मा जयंती
5 फरवरी, रविवार- माघी पूर्णिमा, संत रविदास जयंती
9 फरवरी, गुरुवार- गणेश चतुर्थी
13 फरवरी, सोमवार- सीताष्टमी
16 फरवरी, गुरुवार- विजया एकादशी व्रत
18 फरवरी, शनिवार- महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत
20 फरवरी, सोमवार- सोमवती अमावस्या
23 फरवरी, गुरुवार- विनायकी चतुर्थी व्रत
27 फरवरी, सोमवार- होलाष्टक आरंभ
महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग भी (Mahashivratri 2023)
इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि का संयोग बन रहा है। जिसके चलते इस दिन शनि प्रदोष का व्रत भी किया जाएगा। ये दोनों ही व्रत भगवान शिव से संबंधित है। ऐसा संयोग बहुत कम बार बनता है जब प्रदोष व्रत और शिवरात्रि व्रत एक ही दिन किए जाते हैं।
सोमवती अमावस्या का संयोग भी (Somvati Amavasya 2023)
फरवरी 2023 में सोमवती अमावस्या का संयोग भी बनेगा। ये संयोग 20 फरवरी, सोमवार को बनेगा। इस दिन फाल्गुन मास की अमावस्या रहेगी। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व रहता है। इस तिथि पर पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध आदि करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष भी कम होता है।
होलाष्टक आरंभ भी इसी महीने (Holashtak 2023)
फरवरी 2023 में ही होलाष्टक भी शुरू हो जाएंगे। ये होली के पहले के 8 दिन होते हैं। इन 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि। ऐसा माना जाता है कि इन 8 दिनों में ग्रहों की स्थिति बहुत ही कष्ट देने वाली रहती है। इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ और मंत्र जाप करना चाहिए। होलाष्टक 27 फरवरी से 8 मार्च तक रहेंगे।
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