Vastu Shastra Home: घर बनाते वक्त हमें वास्तु शास्त्र से जुड़ी चीजों को ध्यान में रखना चाहिए। दक्षिणमुखी दिशा वाले घर से जुड़ी कुछ खास बातें अनुभवी ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री कादम्बिनी पाठक ने हमें बताई है। जानें उसके बारे में यहां।
यम, शनिदेव और मंगल ग्रह से जुड़ी होती है दक्षिण दिशा
Vastu Shastra Home Tips: भारत में वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दिशा का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अक्सर दक्षिण मुखी घर को लेकर लोगों में भ्रांतियां होती हैं कि यह अशुभ होता है, लेकिन वास्तु विज्ञान कहता है कि यदि निर्माण सही तरीके से किया जाए, तो दक्षिण मुखी घर न केवल शुभ बल्कि सुख, समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा देने वाला भी हो सकता है। दक्षिण दिशा यम, शनिदेव और मंगल ग्रह से जुड़ी होती है, जो अनुशासन, शक्ति और स्थायित्व का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा का सदुपयोग वास्तु के अनुसार करना आवश्यक होता है। अनुभवी ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री कादम्बिनी पाठक ने हमें इस बारे में विस्तार से बताया है।
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धन प्रवेश का स्थान है दक्षिण दिशा
दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा के दक्षिण-पूर्व भाग (दक्षिण-पूर्व चतुर्थांश) में होना सबसे शुभ माना जाता है। यह “धन प्रवेश” स्थान कहलाता है। मुख्य द्वार को सुंदर और स्वच्छ रखें, द्वार पर स्वस्तिक, शुभ-लाभ तथा गणेशजी का चित्र लगाना लाभकारी होता है।
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दक्षिण दिशा में रसोई
रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए, जो अग्नि तत्व की दिशा है। खाना बनाते समय मुंह पूर्व की ओर रखें। शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम में हो और सोते समय सिर दक्षिण या पश्चिम की ओर रखें। पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में सबसे श्रेष्ठ होता है और भगवान की मूर्तियाँ पश्चिम या उत्तर की ओर देखें।
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उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए पानी का तत्व
पानी की टंकी, फव्वारा या कोई भी जल स्रोत उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। दक्षिण दिशा में जल तत्व रखने से आर्थिक हानि हो सकती है। सीढ़ियाँ दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में और घड़ी की दिशा में चढ़ने वाली होनी चाहिए। दक्षिण दिशा को संतुलित रखने के लिए यहां भारी वस्तुएँ, स्टोर रूम या मजबूत दीवारें रखें। दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा या ओपन गार्डन नहीं बनाएं।
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दक्षिण दिशा में दोष
यदि दक्षिण दिशा में दोष हों, तो उपाय के तौर पर मुख्य द्वार पर पंचमुखी हनुमानजी की प्रतिमा बाहर की ओर लगाएं। साथ ही हर शनिवार सरसों के तेल का दीपक जलाना और शनि मंत्रों का जप करना लाभकारी होता है। इस प्रकार, सही वास्तु पालन से दक्षिण मुखी घर भी सौभाग्यदायक और जीवन को स्थायित्व देने वाला बन सकता है।