16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी पर कब निकलेगा चंद्रमा? नोट करें टाइमिंग

Published : Apr 16, 2025, 09:37 AM IST
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सार

Vikat Sankashti Chaturthi April 2025: इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 अप्रैल, बुधवार को किया जाएगा। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। चंद्रमा की पूजा के बाद ही ये व्रत पूरा होता है। 

Vikat Sankashti Chaturthi April 2025: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। ये साल में आने वाली 4 बड़ी चतुर्थी में से एक है। इसलिए इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये व्रत 16 अप्रैल, बुधवार को किया जाएगा। चतुर्थी व्रत चंद्रमा की पूजा के बिना पूरा नहीं माना जाता। इसलिए सभी के मन में ये जिज्ञासा जरूर रहती है कि इस दिन चंद्रोदय कब होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानिए 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी पर कब होगा चंद्रोदय…

विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 पर कब निकलेगा चंद्रमा?

ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चंद्रोदय थोड़ी देर से होता है, इसलिए इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को थोड़ा इंतजार करना पड़ता है। पंचांग के अनुसार, 16 अप्रैल, बुधवार को विकट संकष्टी चतुर्थी के मौके पर चंद्रोदय रात को लगभग 10 बजे होगा। अलग-अलग स्थानों पर चंद्रोदय के समय में आंशिक परिवर्तन हो सकता है।

चंद्रमा की पूजा से ही पूर्ण होता है ये व्रत

16 अप्रैल, बुधवार की रात को जब चंद्रोदय हो जाए तब महिलाएं चंद्रमा की पूजा करें, फूल और चावल आदि चढ़ाएं। साथ ही जल से अर्घ्य भी दें। इसके बाद ही भोजन करें। परंपरा के अनुसार, चंद्रमा की पूजा के बाद ही चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है। चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।

चतुर्थी व्रत में क्यों करते हैं चंद्रमा की पूजा?

चतुर्थी व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ चंद्रमा की पूजा करने के पीछे एक रोचक कथा है। उसके अनुसार, ‘एक बार चंद्रदेव भगवन श्रीगणेश को शरीर को देखकर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे। गणेशजी समझ गए कि चंद्रदेव को अपने रूप पर बहुत अधिक अभिमान है। ये देख श्रीगणेश ने चंद्रदेव को काला होने का श्राप दे दिया। तब चंद्रदेव ने श्रीगणेश से माफी मांगी। श्रीगणेश ने कहा कि ‘आज से हर चतुर्थी पर मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी और तुम अपने मूल रूप में आ जाओगे।’ तभी सभी हर चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश के साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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