24 अक्टूबर को करें अहोई अष्टमी व्रत, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा और आरती

Ahoi Ashtami 2024 Kab Hai: कार्तिक मास में हर साल अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। ये व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं। आगे जानिए इस बार कब है अहोई अष्टमी?

 

Manish Meharele | Published : Oct 20, 2024 9:22 AM IST / Updated: Oct 22 2024, 08:29 AM IST

Kab Kare Ahoi Ashtami 2024: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजा करने से संतान की उम्र बढ़ती है। वैसे तो ये व्रत पूरे देश में किया जाता है लेकिन उत्तर भारत में इस मान्यता काफी अधिक है। आगे जानिए इस बार कब करें अहोई अष्टमी व्रत, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, आरती सहित पूरी डिटेल…

कब है अहोई अष्टमी 2024?
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर, बुधवार की रात 01 बजकर 19 मिनिट से शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर, गुरुवार की रात 01 बजकर 58 मिनिट तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय 24 अक्टूबर को होगा, इसलिए इसी दिन अहोई अष्टमी का व्रत किया जाएगा। इस दिन गुरु पुष्य, अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि नाम के शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।

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अहोई अष्टमी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2024 Shubh Muhurat)
24 अक्टूबर, गुरुवार को अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 42 मिनिट से 16 बजकर 59 मिनिट तक रहेगा। यानी इस व्रत में पूजा के लिए आपको पूरे 1 घंटे 17 मिनिट का समय मिलेगा। इस व्रत में महिलाएं तारे देखकर व्रत पूर्ण करती हैं। तारों को देखने का समय शाम 06:06 से रहेगा।

इस विधि से करें अहोई अष्टमी व्रत-पूजा (Ahoi Ashtami Puja-Vrat Vidhi)
- 24 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें और बोलें- मैं अहोई माता का व्रत कर रही हूं, मेरी संतान को लंबी उम्र और अच्छी सेहत मिले।
- ऊपर बताए मुहूर्त में दीवार पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाएं। आजकल बाजार में बने-बनाए चित्र भी मिल जाते हैं। उसे भी दीवार पर लगा सकते हैं। अहोई माता की विधि-विधान से पूजा करें।
- सबसे पहले अहोई माता को सुहाग की सामग्री और अबीर, गुलाल, मेहंदी, हल्दी आदि चीजें चढ़ाएं। सेह की पूजा रोली, चावल, दूध व चावल से करें। पूजा के बाद अहोई माता की कथा जरूर सुनें।
- कथा सुनने के बाद परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें और इसके बाद भोजन करें। इस दिन कुछ भी खाए-पीएं नहीं। अगर ऐसा करना संभव न हो तो फल या दूध ले सकते हैं।

ये है अहोई माता व्रत की कथा (Ahoi Ashtami Ki Katha)
- किसी समय एक नगर में चंपा और चमेली नाम नाम की 2 महिला रहती थी। उन दोनों की कोई संतान नहीं थी। संतान की इच्छा से उन दोनों ने एक बार अहोई अष्टमी का व्रत किया।
- चंपा ने ये व्रत श्रद्धा और भक्ति से किया लेकिन चमेली ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए। इन दोनों के व्रत से प्रसन्न होकर अहोई देवी ने इन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने कहा।
- चमेली ने तुरंत अपने लिए एक पुत्र मांग लिया, जबकि चंपा ने कहा ‘आप बिना मांगे ही मेरी इच्छा पूरी कीजिए। अहोई माता चंपा के मन की बात समझ गई। उन्होंने चंपा को आशीर्वाद भी दिया।
- अहोई माता ने कहा ‘यहां से उत्तर दिशा की ओर बहुत सारे बच्चे खेल रहे हैं। तुम दोनों वहां जाकर अपनी पसंद का बच्चा ले आओ।’ माता के कहने पर चंपा और चमेली वहां चली गईं।
- चंपा व चमेली वहां जाकर बच्चों को पकड़ने लगीं, जिससे बच्चे रोने लगे। बच्चों को रोता हुआ देख चंपा ने छोड़ दिया जबकि चमेली जबरदस्ती एक बच्चे को पकड़ कर ले आई।
- अहोई माता ने जब ये स्थिति देखी तो कहा कि ’चंपा, तुम ही माता बनने योग्य हो। माता ने उसे पुत्रवती होने का वरदान दिया पर चमेली को मां बनने के लिए अयोग्य सिद्धि कर दिया।

अहोई माता की आरती (Ahoi Mata ki Aarti)
जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता।।
जय अहोई माता।।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता।।
जय अहोई माता।।
माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता।।
जय अहोई माता।।
तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता।।
जय अहोई माता।।
जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता।।
जय अहोई माता।।
तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।।
जय अहोई माता।।
शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।।
जय अहोई माता।।
श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
जय अहोई माता।।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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