Datta Purnima 2025 Date: कब है दत्त पूर्णिमा, किसके अवतार हैं भगवान दत्तात्रेय?

Published : Nov 30, 2025, 02:24 PM IST
Datta Purnima 2025 Date

सार

Datta Purnima 2025 Date: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवता हैं, दत्तात्रेय भी इनमें से एक है। इन्हें भगवान दत्त भी कहा जाता है। हर साल अगहन मास की पूर्णिमा पर इनका जयंती पर्व मनाया जाता है। इस बार दत्तात्रेय जयंती दिसंबर 2025 के पहले सप्ताह में है।

Datta Purnima 2025 Kab Hai: भगवान दत्तात्रेय का नाम हम सभी ने कभी न कभी जरूर सुना होगा। इनके अनेक प्रसिद्ध मंदिर हमारे देश में हैं। हर साल अगहन मास की पूर्णिमा पर इनकी जयंती मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 4 दिसंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। भगवान दत्त से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं लेकिन बहुत कम लोगों को जानकारी है कि ये किसके अवतार थे। आगे जानिए भगवान दत्तात्रेय से जुड़ी रोचक बातें…

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किसके अवतार हैं भगवान दत्तात्रेय?

प्रचलित कथा के अनुसार, ऋषि अत्रि की पत्नी अनुसूइया परम पतिव्रता था। उनके सतीत्व की परीक्षा लेने के लिए माता लक्ष्मी, पार्वती व सरस्वती ने अपने –अपने पतियों यानी भगवान विष्णु, महादेव और ब्रह्माजी को भेजा। तीनों देवता देवी अनुसूइया के पास गए और कहा कि आपको हमें निर्वस्त्र होकर भिक्षा देनी होगी।
तब देवी अनुसूइया ने अपने सतित्व के बल से तीनों देवताओं को 6 मास का शिशु बना दिया और उन्हें स्तनपान करवाया। जब ये पात त्रिदेवियों को पता चली तो वे देवी अनुसूइया के पास आई और अपने-अपने पतियों को उनके मूल स्वरूप में लाने के लिए प्रार्थना करने लगीं।
तब देवी अनुसूइया ने त्रिदेव को अपने पूर्व रूप में कर दिया। प्रसन्न होकर तीनों देवताओं ने उन्हें वरदान दिया कि हम तीनों अपने अंश से तुम्हारे गर्भ से पुत्ररूप में जन्म लेंगे। तब ब्रह्मा के अंश से चंद्रमा, शंकर के अंश से दुर्वासा और विष्णु के अंश से दत्तात्रेय का जन्म हुआ।

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भक्त के पुकारने पर तुरंत आ जाते हैं भगवान दत्तात्रेय

मान्यता है कि भगवान दत्त अपने भक्तों पर कभी कोई संकट नहीं आने देते। जब भी कोई भक्त उन्हें पुकारता है, वैसे ही वे प्रकट हो जाते हैं। रावण का हराने का महिष्मति राज्य का राजा कार्तवीर्य अर्जुन भी भगवान दत्तात्रेय का ही भक्त था। उन्हीं के वरदान से कार्तवीर्य अर्जुन ने अनेक योद्धाओं का वध किया था।

भगवान दत्त ने बनाए 24 गुरु

भगवान दत्त ने अपने जीवन में अनेक गुरु बनाए, जिनमें कुत्ता, अजगर, मधुमक्खी, मकड़ी, वैश्या आदि प्रमुख हैं। भगवान दत्त ने इन सभी से कुछ न कुछ सीखा और इन्हें अपने गुरु स्वीकार किया। भगवान दत्त के 3 मुख बताए जाते हैं और इनके साथ कुत्ता हमेशा रहता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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