
Ganga Dussehra Upay: धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवी गंगा नदी के रूप में धरती पर आई थीं। तभी ये पर्व मनाया जा रहा है। इस बार गंगा दशहरे के पर्व 5 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो आने वाले संकटों से बचा जा सकता है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवनदी गंगा जब धरती पर आई तो उनके स्पर्श से राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष मिल गया। इसलिए ये तिथि पितरों की शांति के लिए बहुत शुभ मानी गई है। इस दिन किसी पवित्र नदी के तट पर पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
अगर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं तो गंगा दशहरा पर जरूरतमंद लोगों को कपड़े, भोजन, कच्चा अनाज, जूते-चप्पल आदि का दान करें। इस उपाय से आपका जीवन हमेशा सुखमय बना रहेगा।
गंगा दशहरा पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें और नृसिंह स्त्रोत का पाठ करें। इस स्त्रोत का पाठ करने से आप आने वाले हर संकट से बच सकते हैं। ये बहुत ही चमत्कारी स्त्रोत है, जो कवच की तरह आपकी रक्षा करता है।
अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो गंगा दशहरा पर देवी लक्ष्मी का अभिषेक गंगा जल से करें और साथ ही श्रीसूक्त का पाठ भी करें। श्रीसूक्त के पाठ से ही देवराज इंद्र ने देवी लक्ष्मी को प्रसन्न किया था। इस उपाय से आपको धन लाभ के योग बन सकते हैं।
अगर आपके वैवाहिक सुख में कमी है यानी पति-पत्नी में नहीं बनती तो गंगा दशहरा पर पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। गाय के दूध से बनी खीर का भोग पहले भगवान को लगाएं और बाद में पति-पत्नी साथ बैठकर इसे खाएं। इससे आपकी परेशानी दूर हो सकती है।
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