Nirjala Ekadashi 2024: 2 दिन रहेगी निर्जला एकादशी, कब करें व्रत-पूजा? जानें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से

Published : Jun 16, 2024, 10:42 AM IST
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सार

Nirjala Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में हर तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इनमें से एकादशी तिथि का महत्व सबसे अधिक माना गया है। एक साल में कुल 24 एकादशी होती है। इन सभी में निर्जला एकादशी को सबसे खास माना गया है। 

Nirjala Ekadashi 2024 Kab Hai: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। ये एकादशी सभी 24 एकादशियों में से सबसे अधिक पवित्र और महत्वपूर्ण मानी गई है। इस एकादशी के नियम भी बहुत कठिन हैं। इस एकादशी में पानी पीना भी वर्जित है, इसलिए इसका नाम निर्जला रखा गया है। इस बार निर्जला एकादशी 2 दिन रहेगी, जिसके चलते लोगों के मन में ये कन्फ्यूजन है कि व्रत-पूजा किस दिन करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से जानें निर्जला एकादशी की सही डेट…

कब से कब तक रहेगी निर्जला एकादशी 2024? (Nirjala Ekadashi Vrat 2024 Fix Date)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 17 जून, सोमवार की सुबह 04:43 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 18 जून, मंगलवार की सुबह 06:25 तक रहेगी। इस तरह ये तिथि 2 दिन तक रहेगी। इसी वजह से लोगों के मन में निर्जला एकादशी को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है।

क्या लिखा है शास्त्रों में?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पांडे के अनुसार, इस बार 17 और 18 जून को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का संयोग बन रहा है। इनमें से किस दिन एकादशी व्रत करें, इसे लेकर शास्त्रों में लिखा है कि-
संपूर्णोकादशी यत्र प्रभाते पुनरेव सा।
सर्वेरेवोत्तरा कार्यो परतो द्वादशी यदि

अर्थ- संपूर्ण दिवस एकादशी रहते हुए भी दूसरे दिन सुबह यदि पुन: द्वादशी युक्त एकादशी रहती है तो समस्त सनातनी गृहस्थों को दूसरे दिवस की एकादशी व्रत ही करना चाहिए, यही शास्त्र सम्मत है।

कब करें निर्जला एकादशी व्रत 2024?
ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पांडे के अनुसार, 17 जून की सुबह एकादशी तिथि का आरंभ होगा जो अगले दिन 18 जून की सुबह 06:25 तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि पूरे दिन रहेगी। शास्त्रों में बताए विधान के अनुसार जब 2 दिन एकादशी का संयोग बने तो दूसरे दिन ही व्रत-पूजा करना चाहिए। इस दृष्टिकोण से 18 जून, मंगलवार को ही निर्जला एकादशी का व्रत सभी लोगों को करना चाहिए।

 

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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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