Mahashivratri 2023: क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि पर्व? बहुत कम लोग जानते हैं इस उत्सव से जुड़े ये 3 कारण

Mahashivratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। ये पर्व क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में कई मान्यताएं जुड़ी हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

 

Manish Meharele | Published : Jan 31, 2023 11:26 AM IST / Updated: Feb 15 2023, 09:51 AM IST

उज्जैन. हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023 Date) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 18 फरवरी, शनिवार को है। इस दिन शनि प्रदोष का व्रत भी किया जाएगा, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन सभी शिव मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं, साज-सज्जा की जाती है। (why celebrate mahashivratri) शिव मंदिरों में भक्तों का उत्साह देखने ही बनता है। महाशिवरात्रि पर्व क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। आज हम आपको इन्हीं मान्यताओं के बारे में बता रहे हैं…


लिंग रूप में प्रकट हुए थे महादेव
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान महादेव रात्रि में लिंग रूप में यानी निराकार स्वरूप में प्रकट हुए थे। इस निराकार स्वरूप के आदि और अंत का पता लगाने के लिए भगवान विष्णु और ब्रह्मा में होड़ मची थी, लेकिन दोनों में से कोई भी ये जान नहीं पाया। बाद में ज्योतिर्लिंग रूपी महादेव ने ही स्वयं को परिचय देकर भगवान विष्णु को श्रेष्ठ देवता बताया था। ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट होने के कारण ही महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।


इसी दिन हुआ था शिव-पार्वती का विवाह
महाशिवरात्रि पर्व को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इसी तिथि पर भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। इसी मान्यता के चलते कई प्रमुख मंदिरों में शिव विवाह से जुड़ी परंपराएं निभाई जाती है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में तो 9 दिनों तक शिवनवरात्रि पर्व मनाया जाता है, जिसमें प्रतिदिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित किया जाता है। ऐसी ही कई परंपराएं देश के अन्य मंदिरों में भी निभाई जाती है।


इसी दिन प्रकट हुए थे 12 ज्योतिर्लिंग
महाशिवरात्रि पर्व को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इसी तिथि पर देश के विभिन्न हिस्सों में 12 ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। इसी खुशी में महाशिवरात्रि का पर्व आज तक मनाया जा रहा है। ये 12 ज्योतिर्लिंग इस प्रकार हैं- सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घृष्णेश्वर। इन सभी 12 ज्योर्तिलिंगों की कथा और महत्व भी अलग-अलग है।


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