
Pradhan Mantri Awas Yojana Urban: भारत सरकार का सपना है कि हर नागरिक के पास अपना पक्का घर हो। इसी मकसद को पूरा करने के लिए गृह एवं शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing & Urban Affairs) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) यानी PMAY-Urban शुरू की। इस योजना का लक्ष्य है कि शहरों में रहने वाले हर योग्य परिवार को एक सुरक्षित और पक्का घर मिले। इस मिशन को खास तौर पर उन लोगों के लिए लाया गया है, जो अब तक किराए पर या कच्चे घरों में रह रहे हैं- जैसे झुग्गी-झोपड़ी वाले परिवार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG)। जानिए आवेदन कहां-कैसे कर सकते हैं, पात्रता क्या है और आपको सब्सिडी कितनी मिलेगी पूरी डिटेल।
शहरों में जमीन और घर की कीमत लगातार बढ़ रही है, ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मकान खरीदना मुश्किल हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Urban) का उद्देश्य है सस्ते और टिकाऊ घर उपलब्ध कराना। इसमें सरकार घर खरीदने या बनाने के लिए मिलने वाले होम लोन पर ब्याज में सब्सिडी देती है। इसे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) भी कहा जाता है। योजना का स्लोगन है- “Housing for All” यानी हर किसी के लिए पक्का घर।
झुग्गी पुनर्विकास (Slum Rehabilitation): स्लम में रहने वालों को पक्का घर दिलाने के लिए निजी डेवलपर्स की मदद से काम किया जाता है।
होम लोन पर सब्सिडी: ईडब्ल्यूएस जिनकी आय 3 लाख रुपए तक है, घर का साइज 30 वर्ग मीटर तक।
LIG (3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए तक): घर का साइज 60 वर्ग मीटर तक।
MIG-I (6 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक): घर का साइज 160 वर्ग मीटर तक।
MIG-II (12 लाख रुपए से 18 लाख रुपए): घर का साइज 200 वर्ग मीटर तक।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP): जहां प्रोजेक्ट में 35 प्रतिशत घर ईडब्ल्यूएस परिवारों को दिए जाते हैं, वहां केंद्र सरकार मदद करती है।
व्यक्तिगत घर निर्माण में मदद: ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोग अपना अलग घर बनाना चाहते हैं तो उनके लिए भी विशेष सहायता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार सब्सिडी के रूप में लोगों को होम लोन पर ब्याज में छूट देती है। ये सुविधा क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत मिलती है। मतलब, अगर आप घर खरीदने या बनाने के लिए लोन लेते हैं तो आपकी इनकम और लोन राशि के हिसाब से ब्याज कम हो जाएगा। PMAY सब्सिडी कैसे करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें-
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सब्सिडी की गणना सरकार Net Present Value (NPV) के फार्मूले से करती है। आसान शब्दों में, आपकी इनकम और लोन राशि के हिसाब से ब्याज में जो छूट मिलती है, वहीं आपकी सब्सिडी है और उसी का आज के समय के हिसाब से कैलकुलेशन किया जाता है।
EWS (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन) और LIG (लो इनकम ग्रुप)
MIG-I (मिडिल इनकम ग्रुप-1)
MIG-II (मिडिल इनकम ग्रुप-2)
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केंद्र और राज्य सरकार की नई योजनाएं, लाभ, पात्रता, दस्तावेज़ और आवेदन प्रक्रिया समझें। नागरिक कल्याण, किसान सहायता, डिजिटल सेवाएं और हेल्थ स्कीम्स की हर अपडेट के लिए Sarkari Yojana सेक्शन पढ़ें — लाभकारी योजनाओं की सही जानकारी अब आसान भाषा में।