Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज पर इस विधि से करें शिव-पार्वती की पूजा, नोट कर लें मुहूर्त व अन्य खास बातें

श्रावण में महिलाओं से संबंधित कई व्रत व पर्व मनाए जाते हैं। हरियाली तीज भी इनमें से एक है। इस दिन 31 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा। हरियाली तीज पर शिव-पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है।

 

Manish Meharele | Published : Jul 29, 2022 5:29 AM IST / Updated: Jul 31 2022, 10:21 AM IST

उज्जैन. श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। इस महीने में देवी पार्वती से संबंधित भी कई पर्व मनाया जाते हैं। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज पर भी देवी पार्वती की पूजा करने का विधान है। इस बार ये पर्व 31 जुलाई, रविवार को है। ऐसा कहा जाता कि हरियाली तीज पर कुंवारी लड़कियां व्रत-पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और विवाहित महिला ये व्रत अंखड सौभाग्य और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए ये व्रत किया था। आगे जानिए इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2022 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 30 जुलाई, शनिवार की रात लगभग 02.59 से शुरू होगी, जिसका समापन 1 जुलाई, सोमवार तड़के 04.18 मिनट पर होगा। इस दिन रवि योग भी बन रहा है, जो मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना गया है। 31 जुलाई को रवि योग दोपहर 02.20 से 1 अगस्त की सुबह 06.04 तक रहेगा।

हरियाली तीज पर कैसे करें पूजा? (Hariyali Teej 2022 Puja Vidhi)
- हरियाली तीज की सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर सबसे पहले व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद घर में ही किसी साफ स्थान पर एक चौकी स्थापित कर उस पर शिव-पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं और शिव-पार्वती व भगवान श्रीगणेश को तिलक लगाएं, इसके बाद चावल चढ़ाएं। सभी को हार पहनाएं और स्तुति करें। सबसे पहले भगवान श्रीगणेश को दूर्वा आदि चढ़ाएं।
- इसके बाद माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री जैसे- चुनरी, चूड़ी, कुमकुम, सिंदूर, हल्दी, मेंहदी आदि चीजें चढ़ाएं। बाद में भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेल पत्र, सफेद फूल, गंध, वस्त्र आदि चढ़ाएं। 
- इसके बाद सभी शिव परिवार की आरती उतारें और हरियाली तीज की कथा सुनें। इस प्रकार हरियाली तीज की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है और कुंवारी कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।

हरियाली तीज की आरती (Hariyali Teej Aarti)
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।। जय पार्वती माता।।
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
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बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।

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