बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा (Chetan Sharma) के इस्तीफे के बाद भारतीय क्रिकेट जगत में ऐसा भूचाल आया है, जिसे थामना फिलहाल मुश्किल लग रहा है। चेतन के इस्तीफे के पीछे रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का भी नाम उछाला जा रहा है।
Chetan Sharma Controversy. यह पहला मौका नहीं है चेतन शर्मा विवादों में फंसे हैं। इससे पहले भी विवादों से उनका गहरा नाता रहा है। चेतन के क्रिकेट करियर को देखेंगे तो वहां भी इनकी पारी का दर्दनाक अंत हुआ था। लेकिन हाल ही में हुए स्टिंग ऑपरेशन में उनका एक बयान गले की फांस बन गया। वह बयान रहा कि क्रिकेट खिलाड़ी फिट रहने के लिए इंजेक्शन लेते हैं। यह कुछ ऐसा ही खुलासा है जैसा दूसरे खेलों में डोपिंग को लेकर किया जाता है। माना जा रहा है कि चेतन शर्मा ने जिस तरह से विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या से हुई बातचीत को सार्वजनिक किया, वहीं उनके इस्तीफे की वजह बनी।
टीम मैनेजमेंट का खो दिया विश्वास
चेतन शर्मा ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कह दिया कि क्रिकेट खिलाड़ी फिट होने के लिए इंजेक्शन लेते हैं। उनक यही बयान गले की हड्डी बन गया और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हाल ही में सरफराज खान का चयन न होने पर पूर्व क्रिकेटर्स ने मोर्चा खोल दिया था और कई खिलाड़ियों की फिटनेस पर सीधा सवाल उठा दिया था। इस पर बीसीसीआई ने सफाई दी कि सरफराज खान पर सेलेक्टर्स की नजर है और उन्हें सही समय पर मौका दिया जाएगा। अब चेतन शर्मा के इंजेक्शन वाले बयाने ने भारतीय क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर फैंस का रिएक्शन आ रहा है, जो कहीं से भी भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है।
दूसरी बार सेलेक्टर पद से हटे
2022 के टी20 वर्ल्ड कप में टीम का चयन और खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर जब चेतन शर्मा पर सवाल उठे तो बीसीसीआई ने पूरी सेलेक्शन कमिटी को ही बर्खास्त कर दिया था। तब माना जा रहा था कि चेतन शर्मा की वापसी नहीं होगी लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से चेतन शर्मा तीन महीने के भीतर ही दूसरी बार चीफ सेलेक्टर चुन लिए गए। हालांकि अब इस्तीफा देकर वे यह पद छोड़ चुके हैं। इसके पीछे का कारण वह स्टिंग ऑपरेशन है जिसमें चेतने ने कई बड़े दावे किए थे, जो चौंकाने वाले थे।
जब अपने ही देश में बने विलेन
बतौर गेंदबाज चेतन शर्मा ने कामयाबी से ज्यादा विवाद हासिल किए हैं। 1986 का वह मैच क्रिकेट फैंस आज तक नहीं भूले हैं जिसमें पाकिस्तान को जीत के लिए अंतिम गेंद पर 6 रनों की जरूरत थी। गेंद चेतन शर्मा के हाथ थी और सामने जावेद मियांदाद बैटिंग कर रहे थे। मियांदाद ने अंतिम गेंद पर जो छक्का मारा, वह चेतन शर्मा के करियर पर भी तमाचे की तरह लगा। हालत यह हो गई थी कि उन्हें अपने ही देश में विलेन घोषित कर दिया गया और चेतन को भेष बदलकर बाहर निकलना पड़ता था।
करियर का भी हुआ दर्दनाक अंत
1994 के दशक में एक ओवर में 10 रन बनना भी बल्लेबाज की बड़ी कामयाबी और गेंदबाज की बेकार गेंदबाजी माना जाता था। उस दौर में वनडे क्रिकेट में मुश्किल से 250 रन बनते थे और यह रन जीत की गारंटी होते थे। उसी दौर में चेतन शर्मा ने 1 ओवर में 23 रन लुटा दिए थे। तब न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग ने उनकी गेंद पर 5 चौके लगातार जड़ दिए थे। उस मैच में चेतन शर्मा को सिर्फ 1 ओवर ही गेंदबाजी दी गई और वह उनके करियर का आखिरी मैच भी साबित हुआ।
यह भी पढ़ें
स्टिंग ऑपरेशन की वजह से चेतन शर्मा के साथ हो गया 'खेल', चीफ सेलेक्टर पद से देना पड़ा इस्तीफा