पिता के त्याग ने दिया भारतीय क्रिकेट को हीरा, जानें नीतीश की प्रेरणादायक कहानी?

भारतीय युवा ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने एडिलेड टेस्ट में 42 रनों की निर्णायक पारी खेली। नीतीश कुमार का जीवन काफी ही संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है।

 

BGT 2024 Adelaide Test: एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजों पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शिकंजा कस दिया है और महज 180 रन के स्कोर पर पहली पारी समाप्त हो गई। यशस्वी जयसवाल पहले ही गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए। हालांकि दूसरे विकेट के लिए शुभमन गिल और केएल राहुल के बीच 69 रनों की साझेदारी हुई। लेकिन जैसे ही केएल राहुल का विकेट गिरा, वैसे ही एक के बाद एक ताश के पत्तों की तरह टीम इंडिया बिखर गई। 111 रन बनाने में टीम इंडिया के 9 विकेट गिर गए। भारतीय टीम की ओर से सबसे ज्यादा 42 रन नीतीश कुमार रेड्डी ने बनाए। नीतीश अंतिम विकेट के लिए क्रीज पर डटे रहे, लेकिन दूसरे बल्लेबाजों का साथ नहीं मिलने की वजह से उन्हें भी आउट होना पड़ा।

एडिलेड टेस्ट में खेली निर्णायक पारी

नीतीश कुमार रेड्डी ने जब से टीम इंडिया के लिए डेब्यू क्या है, तब से उन्होंने कई अहम पारियां खेली हैं। ऐसा ही उन्होंने एक बार फिर एडिलेड टेस्ट में भी करके दिखाया दूसरे बल्लेबाजों का साथ नहीं मिलने के चलते बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में वो भी आउट हो गए। नीतीश कुमार का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। उनसे जुड़ा एक वीडियो बीसीसीआई ने शेयर किया है। इस वीडियो युवा क्रिकेटर ने बताया है कि कैसे उन्हें क्रिकेट में सक्षम बनने के लिए उनके पिता ने त्याग दिया है।

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पिता के त्याग ने दिया आश्वासन

वीडियो में नीतीश कुमार बताते हैं की बचपन में उन्हें क्रिकेट खेलने का ज्यादा शौक नहीं था लेकिन उनके पिता ने इसके लिए काफी त्याग किए हैं। उनका कहना है कि "मेरे क्रिकेट खेलने के चक्कर में मेरे पिता ने अपनी नौकरी से रिजाइन दे दिया और मेरे कहानी में कई राज छिपे हैं। एक समय ऐसा भी था जब मैं अपने पिता को रोते हुए देखा और उसे समय मुझे लगा कि मैं क्रिकेट को मजे के लिए सिर्फ नहीं खेल सकता। उसे घटना के बाद मैं इसे काफी गंभीरता से लिया और इसके ऊपर कड़ी मेहनत करनी शुरू की।"

मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं रेड्डी

26 मई 2003 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जन्मे नीतीश कुमार रेड्डी एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं। अपने पिता के त्याग के प्रति उन्होंने उनका सम्मान देते हुए बताया कि "मेरी फैमिली एक मिडिल क्लास से बिलॉन्ग करती है। मैं जब अपने पिता को मुस्कुराता देखता हूं, तो मुझे भी बहुत खुशी होती है। जब मैं टीम इंडिया के जर्सी में खेलने उतरा तो उनके चेहरे पर खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, जिससे मुझे भी बहुत प्रसन्नता मिली।"

अपने आइडीयल से मिला डेब्यू कैप

नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने प्रदर्शन के दम पर टेस्ट क्रिकेट में भी अपनी जगह बना ली और 22 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में पहला टेस्ट खेलने उतरे। उन्हें कैप पहनने वाले भी कोई और नहीं बल्कि उनकी आइडियल विराट कोहली थे। नीतीश कुमार ने एडिलेड टेस्ट में ऐसे समय में 42 रनों की पारी खेली जब टीम संघर्ष कर रही थी।

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