
India vs South Africa: पहले टेस्ट में शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम अब गुवाहाटी टेस्ट में भी पिछड़ रही है। तीसरे दिन के खेल तक साउथ अफ्रीका पूरी तरह से मैच में आगे नजर आ रही है। तेंबा बावुमा की टीम ने 314 रनों की बढ़त बना ली। चौथे दिन के खेल में यह लीड और ज्यादा होगी। अब ऐसे में सवाल यह उठता है, कि जहां दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज 400 के आंकड़े पार कर जा रहे हैं, वहां टीम इंडिया के बल्लेबाजों को खेलने में क्यों समस्या हो रही है? कोलकाता टेस्ट में स्पिन गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था, जबकि गुवाहाटी में तेज गेंदबाज ने भी कहर बरपाया। अब सवाल ये है कि आखिर क्यों हो रहा है? आइए हम आपको 3 बड़े कारण बताते हैं, कि क्यों भारत स्पिन और तेज गेंदबाजों को नहीं खेल पा रहे हैं...
इसमें कोई दोहराय नहीं है, कि टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में ट्रांजिशन के दौर से गुजर रही है। टीम में कोई भी स्पेशलिस्ट और बड़े अनुभव वाले बल्लेबाज नहीं हैं। साईं सुदर्शन का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन अच्छा रहा और व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी रन बनाए हैं, लेकिन उन्हें इंटरनेशनल में सफलता नहीं मिली है। इसके अलावा ध्रुव जुरेल का भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में योगदान नहीं है। इसके अलावा वाशिंगटन सुंदर के साथ सेम स्थिति है। चौंकाने वाली तो यह है कि अभी भी सरफराज खान, अजिंक्य रहाणे, करुण नायर और अभिमन्यु ईश्वरण बाहर बैठे हैं। उन्होंने भारतीय सरजमीं पर काफी रन बनाए हैं। कोई भी बल्लेबाज टीम का हिस्सा नहीं हैं। आने वाले समय में टीम इंडिया को अच्छा सुधार करना है, तो बल्लेबाजी में बदलाव करने होंगे।
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मौजूदा समय में टीम इंडिया की बल्लेबाजी टेस्ट क्रिकेट में काफी ज्यादा आक्रामक हो चुकी है। गुवाहाटी टेस्ट में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। खासकर कप्तान ऋषभ पंत जिस तरह से पहली पारी में तेज खेलने के चक्कर में आउट हुए हैं, क्योंकि टीम को एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत थी, जो उस समय पर मैच को बनाए और पारी को संभाले। टेस्ट क्रिकेट में अच्छे डिफेंसिव बल्लेबाजों की ज्यादा जरूरत होगी। इस मामले में टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज पूरी तरह से सफल नहीं दिखे हैं। इसी के चलते बड़े-बड़े अच्छे गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाज फेल हुए हैं।
गौतम गंभीर की टीम इंडिया में टैलेंट और युवा खिलाड़ियों की जरूरत होती है। वो कम उम्र के खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा दिखाना चाहते हैं। इसी को लेकर गुवाहाटी टेस्ट में सुनील गावस्कर ने कहा कि विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा की कमी खल रही है। सभी ने 80 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं। सभी टेस्ट के स्पेशलिस्ट बल्लेबाज रहे हैं। अब इनकी सभी जिम्मेदारी यंग कंधों पर दी गई है। यही वजह है, कि क्वालिटी गेंदबाजी के सामने सब फेल हो रहे हैं।
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