पहले ही टेस्ट मैच में अपना डंका बजाने वाले यशस्वी जायसवाल की चर्चा क्रिकेट वर्ल्ड में शुरू हो गई है। लेकिन इस युवा खिलाड़ी के संघर्ष की कहानी किसी को भी रूला सकती है।
Yashasvi Jaiswal. कहते हैं कि आपका संघर्ष आपको बड़ा बनाता है। आग में तपने के बाद ही कुंदन बना जाता है। यह कहावतें भारतीय टीम के युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल पर पूरी तरह से फिट बैठती हैं। पिता के साथ मुंबई में पानी पूरी बेचने से लेकर सिर्फ ब्रेड खाकर प्रैक्टिस करने तक इस युवा खिलाड़ी ने कितना संघर्ष किया है, वह सभी लोग जानते हैं। जी, हां हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के स्टार बन चुके यशस्वी जायसवाल की।
यशस्वी से 10 साल से क्यों नहीं मनाई दिवाली
हाल ही में यशस्वी जायसवाल ने यह कहकर चौंका दिया था कि उन्होंने पिछले 10 सालों से परिवार यानि माता-पिता के साथ दिवाली नहीं मनाई है। इतनी कम उम्र में ऐसी परिपक्वता शायद ही किसी प्लेयर में देखने को मिलती होगी। यशस्वी का संघर्ष यही तक नहीं है, उन्होंने टेंट में वक्त गुजारा है, बारिश में खुद को बचाते हुए नींद को तिलांजलि दी है लेकिन आज पूरी दुनिया उन्हें सलाम कर रही है। मात्र 21 साल की उम्र में यशस्वी वर्ल्ड क्रिकेट में उभरते सितारे बन चुके हैं और एक्सपर्ट्स का मानना है कि टीम इंडिया में भविष्य का यह खिलाड़ी कामयाबियों के झंडे गाड़ेगा।
पहले ही टेस्ट मैच में यशस्वी ने जड़ दिया शानदार शतक
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले यशस्वी जायसवाल ने पहले ही टेस्ट मैच में 170 रनों की धमाकेदार पारी खेली। इस इनिंग में कहीं से भी उन्होंने ऐसा शॉट नहीं खेला, जिसकी आलोचना की जा सके। यही वजह है कि यशस्वी को भविष्य का खिलाड़ी माना जा रहा है। इस उपलब्धि के पीछे यशस्वी जायसवाल की कड़ी मेहनत है, जो उन्होंने मुंबई में प्रैंक्टिस के दौरान की है। यशस्वी को पहले मैच में प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया है।
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