
India 2036 Olympics Bid: भारत के एक हाई लेवल डेलीगेशन (Indian Delegation) ने मंगलवार को ओलंपिक की राजधानी लॉज़ेन (Lausanne) में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के साथ कंटिन्यूअस डायलॉग (Continuous Dialogue) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस मीटिंग का उद्देश्य भारत द्वारा भविष्य में ओलंपिक और पैरालंपिक गेम्स (Olympic & Paralympic Games) की मेजबानी के अवसर और संभावनाओं का मूल्यांकन करना था।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी (Harsh Sanghavi) और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा (PT Usha) ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल में IOA, युवा मामले और खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) और गुजरात सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
इस बातचीत में भारत ने अमदाबाद (Amdavad) में भविष्य के ओलंपिक की मेजबानी का अपना विजन IOC के सामने रखा। इसके साथ ही भारतीय टीम को ओलंपिक की आवश्यकताओं और IOC की भविष्य की योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिलीं। यह संवाद भारत के विकास की महत्वाकांक्षी योजना ‘विकसित भारत 2047’ (Viksit Bharat 2047) के अनुरूप है जिसमें खेलों के जरिए सामाजिक और आर्थिक प्रगति का सपना देखा गया है।
अमदाबाद के ओलंपिक विजन को तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित बताया गया:
गुजरात के खेल मंत्री हर्ष सांघवी ने बैठक के बाद कहा कि गुजरात की जीवंतता और ऐतिहासिक विरासत भारत के विकास में योगदान देने के लिए तैयार हैं। खेलों में हमारा निवेश और ओलंपिक मूवमेंट के प्रति हमारी प्रतिबद्धता इसका प्रमाण है। ओलंपिक की मेजबानी से गुजरात में अभूतपूर्व विकास होगा और नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि ओलंपिक मूवमेंट के साथ भारत की यह साझेदारी ऐतिहासिक क्षण है। ओलंपिक खेल सिर्फ खेल नहीं होंगे बल्कि वे शिक्षा, शांति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बनेंगे। ये ओलंपिक भारतीयों के लिए पीढ़ियों तक असर डालने वाला अनुभव साबित होगा।