सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट टीम के एक दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में 10000 रन बनाने वाले दुनिया के वह पहले बल्लेबाज बने थे। उनके साथ बचपन में एक अजीब घटना भी हुई है
Sports Desk: सुनील गावस्कर भारत के क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए कई बड़े योगदान दिए हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी उन्हीं के नाम पर खेला जाता है। क्रिकेट की दुनिया से संन्यास लेने के बाद उन्होंने अब कॉमेंटेटर का रोल निभा रहे हैं। क्रिकेट मैच के दौरान उन्हें कमेंट्री करते हुए देखा जाता है। बहुत ही खुश दिल इंसान माने जाते हैं। हमेशा वह मुस्कुराते हुए नजर आते हैं।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर के साथ छोटी सी उम्र में एक ऐसी घटना हुई थी, जो बेहद चौंकाने लायक थी। गावस्कर के चाचा ने उनका अगर सपोर्ट नहीं किया होता, तो आज वह एक मछुआरे होते। 10 जुलाई 1994 को मुंबई में जन्मे गावस्कर एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। जिस हॉस्पिटल में उनका जन्म हुआ था उसी में और कई बच्चों का जन्म भी हुआ था। नर्स की एक गलती की वजह से कई बच्चे की हेरा फेरी हो गई थी।
गावस्कर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन्हें एक नर्स ने अनजाने में एक मछुआरे परिवार के पालने में डाल दिया। इसकी जानकारी किसी को नहीं लगी थी। इस दौरान जब सुनील गावस्कर के चाचा हॉस्पिटल आए, तब उनकी नजर बच्चे पर पड़ी। बच्चों को देखते ही वह पहचान गए किया बच्चा दूसरा है। उनके चाचा ने कहा कि उनके भतीजे के कान पर एक निशान है। हेरा फेरी किए गए बच्चों के कान पर कोई निशान नहीं था। इस बात को लेकर उन्होंने अस्पताल में ही हंगामा मचा दिया। इस बड़ी गलती के बाद अस्पताल वालों ने इसकी जांच शुरू की और सभी बच्चों का पहचान करवाया गया। सुनील गावस्कर एक मछुआरे के पालने में थे, तभी उनके चाचा ने उन्हें पहचान और बताया कि यह हमारा बच्चा है। उसके बाद जांच पड़ताल की गई और वापस से उनके बच्चे को सौंप दिया गया।
इस घटना की जानकारी पूर्व भारतीय दिग्गज ने एक टीवी शो के दौरान दी थी। उन्होंने बताया कि इस घटना का असर उनकी बल्लेबाजी पर भी देखने को मिला था। आउटसाइड ऑफ स्टंप की बॉल को बार-बार छेड़ने के प्रयास में सनी पाजी हमेशा आउट हो जाते थे। यह घटना हंसते हुए सुनील गावस्कर ने बताया। लेकिन, जरा गौर कीजिए कि यदि या सच हो जाता तो कितना बड़ा अनर्थ होता और आज सुनील गावस्कर एक मछुआरे परिवार से आते। एक मछुआरे परिवार में जाने के बाद शायद वह टीम इंडिया के साथ भी नहीं जुड़ते और आज एक दिग्गज क्रिकेटर नहीं कहलाते। आज हम सब जी गावस्कर को क्रिकेट का दिग्गज बताते हैं, उसका कोई जिक्र नहीं होता। इसका जिक्र सनी पाजी ने अपने बुक में भी किया है।
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