क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा और पत्नी रीवाबा पर पिता अनिरुद्ध का आरोप- बहू का ध्यान केवल पैसों पर..., पढ़ें क्रिकेटर का जवाब

Published : Feb 09, 2024, 03:43 PM ISTUpdated : Feb 09, 2024, 04:20 PM IST
Ravindra Jadeja

सार

पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बहू रीवाबा का पूरा ध्यान वित्तीय मामलों पर है। उनके और बेटे रवींद्र  व बहू के बीच वर्तमान में कोई संबंध नहीं है। 

नई दिल्ली। क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा और उनकी पत्नी बीजेपी विधायक रीवाबा जाडेजा के साथ बेहद तनावपूर्ण संबंधों का खुलासा उनके पिता अनिरुद्ध सिंह जाडेजा ने किया है। पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बहू रीवाबा का पूरा ध्यान वित्तीय मामलों पर है। उनके बेटे रवींद्र और बहू के साथ उनका वर्तमान में कोई संबंध नहीं है। हालांकि, अपने पिता के लगाए गए आरोपों को रवींद्र जाडेजा ने खारिज किया है। क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा ने कहा कि सारे आरोप उनकी पत्नी रीवाबा की छवि को खराब करने के लिए लगाए गए हैं। रीवाबा, गुजरात के जामनगर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की विधायक हैं। क्रिकेटर ने कहा कि क्रिकेट उनका सपना था और अपने सपने को 15 साल से जी रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर अपनी पत्नी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

बेहतर होता वह क्रिकेट को नहीं चुनते

जाडेजा के पिता अनिरुद्धसिंह जाडेजा ने बेटे रवींद्र के करियर चयन पर खेद व्यक्त किया। पिता अनिरुद्धसिंह ने कहा कि बेहतर होता कि उन्होंने क्रिकेट को नहीं चुना होता। बेटे-बहू के बीच तनावपूर्ण रिश्तों पर अनिरुद्धसिंह ने अपनी बहू रीवाबा के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि उनका प्राथमिक ध्यान वित्तीय मामलों पर है। एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि उनका, अपने बेटे रवींद्र जाडेजा और बहू रीवाबा के साथ कोई संबंध नहीं है। संचार की कमी के कारण उनके रिश्ते में काफी दरार आ गई है। रवींद्र की शादी के कुछ समय बाद ही विवाद सामने आने लगे जिससे बड़ी दरार पैदा हो गई।

जामनगर में अकेले रह रहे हैं अनिरुद्ध जाडेजा

अनिरुद्ध सिंह जाडेजा, अभी जामनगर में अकेले रह रहे हैं। वह बेटे और बहू से अलग काफी दिनों से रहते हैं। उन्होंने रवीन्द्र पर रीवाबा के प्रभाव पर हैरानी जताई और अलग होकर रहने के भावनात्मक दर्द का खुलासा किया। अनिरुद्धसिंह ने अपनी गहरी भावनाओं को व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि यदि रवींद्र ने क्रिकेट नहीं चुना होता तो जीवन एक अलग, अधिक सकारात्मक दिशा ले सकता था।

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