
स्पोर्ट्स डेस्क: टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सोमवार को सोशल मीडिया पर अपने फैंस के द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्नों का उत्तर देते हुए नजर आए। Reddit पर सचिन ने कई सारे सवालों के जवाब दिए। इसी बीच उन्होंने एक खुलासा किया, कि वो क्रिकेट के एक नियम में बदलाव देखना चाहते हैं। जी हां, मास्टर ब्लास्टर ने LBW को लेकर एक बदलाव लाने की बात कही है।
दरअसल, तेंदुलकर के मुताबिक एलबीडब्ल्यू में अंपायर कॉल नियम को हटाना चाहिए। इसपर उनका मानना है, कि कई बार प्लेयर ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले से नाखुश होने के कारण डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) की मांग इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि अंपायर के द्वारा दिया गया डिसीजन गलत है।
क्रिकेट के भगवान से एक फैन ने रेडिट पर यह सवाल किया, कि क्रिकेट के किस नियम में वो बदलाव देखना चाहते हैं? इसपर उन्होंने उत्तर देते हुए बोला,
मैं अंपायर्स कॉल पर DRS नियम चेंज कर दूंगा। कई बार अंपायर के आउट देने पर खिलाड़ी रिव्यू की मांग इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें संकोच होता है कि वो शायद आउट नहीं हैं। इसलिए उस डिसीजन पर वापस जाने का कोई ऑप्शन ही नहीं होना चाहिए। जिस तरह प्लेयर्स का खराब दौर आते हैं, ठीक उसी प्रकार अंपायर्स को भी खराब दौर से गुजरना पड़ता है। तकनीक गलत होने पर भी लगातार गलत ही रहेगी।
इंटरनेशनल क्रिकेट में 200 वनडे, 463 टेस्ट और 1 टी20i खेलने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम कुल 100 शतक हैं। उन्होंने पहली बार अंपायर्स कॉल डिसीजन को लेकर बात कही है। साल 2020 में भी सचिन ने इस फैसले पर बात की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर DRS में बॉल ट्रैकिंग सेक्शन के दौरान गेंद स्टंप्स से हल्की भी टच हो रही है, तो उसे आउट करार दिया जाना चाहिए।
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अंपायर्स कॉल के नियम पर नजर डालें, तो अभी तक अगर अंपायर ने नॉट-आउट डिसीजन दिया है और बॉल का 50% पार्ट भी स्टंप्स को छू रहा है, तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाएगा। अगर ऑन-फील्ड अंपायर ने आउट दिया है और गेंद 1% भी स्टंप्स पर जाकर लग रही है, तो बल्लेबाज को आउट ही रहना होगा। अंपायर्स कॉल का यह नियम फिलहाल 'बेनिफिट ऑफ डाउट' के सिद्धांत पर चल रही है।
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