62 गेंद में खत्म हुआ इतिहास का सबसे छोटा टेस्ट मैच, बहा क्रिकेटर्स का खून

Test match ended in just 62 balls : टेस्ट मैच आमतौर पर चार-पांच दिनों तक चलते हैं। कुछ मैच चार दिनों में तो कुछ तीन दिनों में ही खत्म हो जाते हैं। लेकिन, आज हम जिस टेस्ट मैच की बात कर रहे हैं वह तो केवल 62 गेंदों में ही खत्म हो गया था।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 16, 2024 11:08 AM IST
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टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 1998 में एक अविश्वसनीय रिकॉर्ड बना। चार-पांच दिनों तक चलने वाला मैच केवल 62 गेंदों में ही खत्म हो गया। यह अब तक का सबसे कम समय में समाप्त होने वाला मैच बन गया। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच हुए इस टेस्ट मैच में यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ।

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अब तक के सबसे कम समय में समाप्त हुए मैच का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच हुए इसी मैच के नाम है। खतरनाक पिच के कारण खिलाड़ी बल्लेबाजी करने से कतरा रहे थे। रन बनाने से ज्यादा खुद को बचाना ही उनकी पहली प्राथमिकता बन गई थी।

इसके बावजूद कई खिलाड़ी गंभीर रूप से घायल हो गए। खिलाड़ियों के खून बहने और उनकी जान को खतरा होने के कारण इस टेस्ट मैच को रद्द करना पड़ा। इस खतरनाक पिच पर बल्लेबाजी करते समय बल्लेबाजों को अपनी जान बचाते हुए देखा गया।

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इस टेस्ट मैच की मेजबानी वेस्टइंडीज ने की थी और यह मैच सबीना पार्क स्टेडियम में खेला गया था। पर्यटक टीम इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन पिच बेहद खतरनाक हो गई थी। वेस्टइंडीज की गेंदबाजी के आगे इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खून-पसीना एक करना पड़ा। 

कप्तान माइक एथरटन और विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक स्टीवर्ट इंग्लैंड के लिए ओपनिंग करने उतरे। वेस्टइंडीज उस समय खतरनाक गेंदबाजी के लिए मशहूर थी। कर्टली एम्ब्रोस और कोर्टनी वाल्श वेस्टइंडीज की तरफ से गेंदबाजी करने आए।

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जब ये दोनों गेंदबाज गेंदबाजी करने उतरे तो इंग्लैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों के होश उड़ गए। बेहद तेज गेंदों के बीच इन दोनों बल्लेबाजों को अपनी जान बचानी मुश्किल हो गई। 

यह टेस्ट मैच केवल 10 ओवर में ही खत्म हो गया। उस दिन सबीना पार्क स्टेडियम की पिच पर अलग तरह का उछाल था जो तेज गेंदबाजी के अनुकूल थी। हालांकि, ज्यादा उछाल के कारण गेंदें तेजी से उछल रही थीं और सीधे बल्लेबाज के शरीर से टकरा रही थीं।

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इससे सलामी बल्लेबाजों समेत अन्य खिलाड़ी भी चोटिल हो गए। पिच जानलेवा हो गई थी। इंग्लिश बल्लेबाजों का खून बहने लगा।

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ऑन-फील्ड अंपायर स्टीव बकनर और श्रीनिवास वेंकटराघवन ने मैच को रद्द करने का फैसला किया। हालांकि, अंपायरों को यह फैसला लेने में काफी देर हो गई। इंग्लैंड के बल्लेबाजों के शरीर पर चोटों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे।

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बल्लेबाजी करने आए सभी लोग बुरी तरह घायल हो गए। पिच बेहद खराब थी, अंपायरों को केवल 62 गेंदों के बाद यह फैसला लेना पड़ा, मैच केवल 10.2 ओवर में ही खत्म हो गया। इसमें इंग्लैंड ने 3 विकेट खोकर 17 रन बनाए थे। इस तरह यह मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटा मैच बन गया। 

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