पहले बनना चाहते थे पादरी, अब बन गए दुनिया के खतरनाक गेंदबाज़

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज चामिंडा वास ने अपने करियर में कई यादगार प्रदर्शन किए हैं. 2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने एकदिवसीय मैच में 8 ओवर में 8 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था.

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 23, 2024 11:27 AM IST

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विश्व क्रिकेट इतिहास में कई महान बल्लेबाज और गेंदबाज हुए हैं. खतरनाक तेज गेंदबाज भी हुए हैं. वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल से लेकर ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली, पाकिस्तान के वसीम अकरम, अख्तर, इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन, दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन ने अपनी तूफानी गेंदबाजी से विश्व बल्लेबाजों को खूब छकाया है.

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दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों को पस्त करने में श्रीलंका के गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिनर मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका टीम में थे. सिर्फ मुरलीधरन के दम पर श्रीलंका ने अब तक कई जीत दर्ज नहीं की है. उनके साथ चामिंडा वास, लसिथ मलिंगा जैसे घातक तेज गेंदबाज भी थे.

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श्रीलंका का एक खिलाड़ी जो पादरी बनना चाहता था, लेकिन दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाज बनकर उभरा. उस टीम को कई जीत दिलाई. दुनिया के महान गेंदबाजों में अपना नाम दर्ज कराया. उनकी गेंदबाजी से दिग्गज खिलाड़ी भी खौफ खाते थे.

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जी हां, क्रिकेट इतिहास में चामिंडा वास शीर्ष तेज गेंदबाजों में से एक हैं. श्रीलंका के लिए टेस्ट, एकदिवसीय, टी20 सहित कुल 761 विकेट अपने नाम किए हैं. चामिंडा वास ने एकदिवसीय प्रारूप में 400 विकेट चटकाए हैं. टेस्ट में 355 विकेट और टी20 में 6 विकेट अपने नाम किए हैं. टेस्ट के साथ-साथ एकदिवसीय मैचों में भी शानदार रिकॉर्ड बनाए हैं. टीम को शानदार जीत दिलाई है.

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चामिंडा वास ने 2001 में जिम्बाब्वे टीम के खिलाफ कहर बरपाया था. अपनी गेंदबाजी से लगभग पूरी टीम को तहस-नहस कर दिया था. उनके घातक गेंदबाजी की चपेट में आकर जिम्बाब्वे की टीम 38 रन पर ढेर हो गई थी.

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चामिंडा वास ने 8 दिसंबर 2001 को कोलंबो के अपने होम ग्राउंड पर जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 ओवर में 8 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था. अपने आठ ओवरों में तीन ओवर मेडन फेंके थे जिसमें उन्होंने एक भी रन नहीं दिया था. उनके 8 ओवर की गेंदबाजी में सिर्फ 19 रन ही खर्च किए थे.

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चामिंडा वास की तूफानी गेंदबाजी के चलते जिम्बाब्वे की टीम 40 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सकी. 15.4 ओवर में 38 रन पर जिम्बाब्वे की पूरी टीम ढेर हो गई. स्टुअर्ट कार्लिस्ले (16 रन) को छोड़कर बाकी कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सका.

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आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका की टीम ने 4.2 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 40 रन बनाकर जीत हासिल कर ली. चामिंडा वास ने अपने करियर की पहली हैट्रिक भी ली थी. 10वें ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर लगातार विकेट चटकाए थे. कार्लिस्ले, क्रेग विशार्ट और टाटाएंडा ताइबू को आउट किया था.

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इस शानदार गेंदबाजी के बाद भी चामिंडा वास ने कई यादगार जीत श्रीलंका को दिलाई. वास ने अपने करियर में दो बार हैट्रिक ली है. जिम्बाब्वे के बाद 2003 के विश्व कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ अपनी दूसरी हैट्रिक ली थी.

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चामिंडा वास के जीवन की एक रोचक बात यह है कि वह बचपन में पादरी बनना चाहते थे. इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था. लेकिन, पादरी बनने वाले वास श्रीलंका के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक बने.

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चामिंडा वास के जीवन की एक रोचक बात यह है कि वह बचपन में पादरी बनना चाहते थे. इस बात का खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया था. लेकिन, पादरी बनने वाले वास श्रीलंका के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक बने.

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