बेंगलुरु: विराट कोहली जब टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान थे, तब रन, शतक, दोहरा शतक, अर्धशतक, सबमें कोहली ही आगे थे। लेकिन, जब से उन्होंने कप्तानी छोड़ी है, तब से उनका प्रदर्शन कमजोर हो गया है। ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं।
कुछ साल पहले विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा का औसत बनाए रखते थे। कोहली के अलावा कोई भी बल्लेबाज ये उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया था। लेकिन, टेस्ट क्रिकेट में किंग कोहली अपनी चमक खोते नजर आ रहे हैं। 50 से ज्यादा के औसत की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। साल-दर-साल उनका ग्राफ गिरता जा रहा है। क्या कोहली के खराब प्रदर्शन की वजह कप्तानी छोड़ना है, ये सवाल उठ रहा है।
जी हां, टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान विराट कोहली ही हैं। टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में कोहली ने खिलाड़ियों की मानसिकता ही बदल दी। टीम का नजरिया ही बदल दिया। आक्रामक कप्तानी के दम पर देश-विदेश में भारत को कई सीरीज जिताईं। सिर्फ कप्तानी ही नहीं, बल्लेबाजी में भी कोहली कमाल करते थे। टीम को आगे बढ़कर लीड करते थे।
कोहली जब टेस्ट टीम के कप्तान थे, तब टीम इंडिया के लिए रन, शतक, दोहरा शतक, अर्धशतक, औसत, सबमें कोहली ही आगे थे। लेकिन, जब से उन्होंने कप्तानी छोड़ी है, तब से उनका प्रदर्शन कमजोर हो गया है।
कप्तान के तौर पर कोहली ने 113 पारियों में बल्लेबाजी की है। इसमें उन्होंने 54.80 की औसत से 5,864 रन बनाए हैं। 20 शतक और 18 अर्धशतक लगाए हैं। लेकिन, कप्तानी छोड़ने के बाद, 31 पारियों में खेलकर, सिर्फ 37 की औसत से 1,073 रन बनाए हैं। सिर्फ दो शतक और तीन अर्धशतक लगाए हैं।
विराट कोहली नए विश्व रिकॉर्ड के करीब हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अगर कोहली बल्लेबाजी करते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी 600वीं पारी पूरी कर लेंगे। ये उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के तीसरे खिलाड़ी बन जाएंगे। सचिन तेंदुलकर ने 782 और राहुल द्रविड़ ने 605 पारियों में बल्लेबाजी की है। फैंस यही उम्मीद कर रहे हैं कि 600वीं पारी में कोहली धमाकेदार प्रदर्शन करें और शतक का सूखा खत्म करें।