निशानेबाज हिना सिद्धू ने कहा था कि 2022 में बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए।
नई दिल्ली. भारतीय ओलंपिक संघ कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से बायकॉट करने का मन बना रहा है। हाल ही में निशानेबाज हिना सिद्धू ने भी कहा था कि 2022 में बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने ये बात तब कही थी जब निशानबाजी को अगल राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल नहीं करने का फरमान आया था।
ओलंपिक संघ के अध्यक्ष का मिला समर्थन
बायकॉट का मामला आगे बढ़ता दिख रहा है। हिना को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है। बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनौपचारिक रूप से विचार शुरू करना शुरू हो गया है।
NRAI के महासचिव का बयान
इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) के महासचिव राजीव भाटिया ने IANS से बातचीत में कहा था कि निशानेबाजी को नहीं शमिल करने के फैसले के बाद अब कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि आयोजन समिति ने इस मुद्दे पर अंतिम फैसला ले लिया है।
निशानेबाजी को शामिल ना करने का कारण
भाटिया ने इस दौरान यह भी बताया कि उन्होंने बहुत कोशिश की लेकिन आयोजन समिति उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं हो रही है। बल्कि समिति ने उनसे कहा कि वे निशानेबाजी पर पैसा खत्म नहीं करना चाहते हैं। समिति एकमात्र फाइनेंस का ही कारण बताया है।
जून में लिया गया था फैसला
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने निशानेबाजी को 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं करने का फैसला लिया था। 1970 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब राष्ट्रीयमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया जाएगा। भारत के लिए ये फैसला किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो उसका सबसे बड़ा कारण निशानेबाजी जीते पदक होते हैं।