बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के केस में बढ़ी कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष की मुश्किलें

Published : Jul 07, 2023, 04:20 PM ISTUpdated : Jul 08, 2023, 12:12 AM IST
brij bhushan sharan singh wrestlers

सार

दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृज भूषण के खिलाफ 15 जून को यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और पीछा करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया था।

Wrestlers Protest: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न केस में कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। दिल्ली की एक अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह को हाजिर होने का आदेश दिया है। 18 जुलाई के लिए उनको कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश देते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ केस को आगे बढ़ाने में पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृज भूषण के खिलाफ 15 जून को यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी और पीछा करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया था। 

क्या है पहलवानों के धरने का पूरा मामला?

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहली बार 18 जनवरी को पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। मामला तूल पकड़ा तो तीसरे दिन सरकार ने पहलवानों के साथ समझौता कर लिया और एक कमेटी बन गई। लेकिन कमेटी की रिपोर्ट में हीलाहवाली और आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट की मांग को लेकर पहलवानों ने एक बार फिर 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धराना शुरू कर दिया। 28 अप्रैल को पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट ने तत्कालीन कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो के तहत दो एफआईआर का आदेश दिया। 3 मई की रात में पहलवानों और पुलिस के बीच हुई जंतर-मंतर पर झड़प के बाद किसान संगठन व खाप पंचायतों ने भी साथ आने का ऐलान किया। 21 मई को खिलाड़ियों ने इंडिया गेट तक कैंडिल मार्च कर मामला गरमाया। इसी दिन हुई पंचायत में तय हुआ कि महिला महापंचायत नई संसद के पास बुलाई जाएगी।

संसद के उद्घाटन वाले दिन हो गया बड़ा बवाल

चूंकि, 28 मई को ही नई संसद का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले थे, इसलिए किसी भी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए भारी फोर्स तैनात किया गया। पहलवानों ने भी मार्च करने का मन बनाया। 28 मई को पहलवानों को पुलिस ने मार्च से रोका, काफी बवाल हुआ। जबरिया पहलवानों को अरेस्ट कर गंभीर धाराओं में केस हुआ। इसी बीच जंतर-मंतर पर उनके धरनास्थल पर टेंट आदि उखाड़ फेंके गए। फिर पहलवानों ने गंगा में मेडल बहाने का फैसला किया। पहलवान हरिद्वार पहुंचे तो किसान नेता नरेश टिकैत वहां पहुंच पहलवानों को मनाया और पांच दिन का अल्टीमेटम दिया। कुरुक्षेत्र में इसके बाद महापंचायत हुई। बृजभूषण की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया गया। इसी बीच 6 जून को अचानक से अमित शाह के साथ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया की मीटिंग हुई। इसके बाद तीनों पहलवान अपने काम पर लौट गए। हालांकि, पुलिस ने जांच तेज कर दी। सरकार ने कहा 15 जून तक चार्जशीट दाखिल होगी। पुलिस ने तय तारीख को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया। उधर, नाबालिग पहलवान ने अपना आरोप वापस ले लिया और बृजभूषण शरण सिंह को राहत मिल गई।

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