मैग्नस कार्लसन ने जीता Chess World Cup 2023 Final, शतरंज के विश्व चैंपियन बनने से चूक गए प्रज्ञाननंदा

भारत के सुपर जीनियस ग्रैंड मास्टर शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञाननंदा और नार्वे के 5 बार चैंपियन मैग्नस कार्लसन (Praggnanandhaa Vs Magnus Carlsen) के बीच चेस विश्वकप 2023 का फाइनल मुकाबला खेला गया।

 

Chess World Cup 2023 Final. दुनिया के सबसे युवा चेस जीनियस भारतीय शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञाननंदा और मौजूदा समय के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन (Praggnanandhaa Vs Magnus Carlsen) के बीच विश्वकप शतरंज टूर्नामेंट का फाइनल (Chess World Cup 2023 Final) खेला गया। ट्राइब्रेकर के जरिए दुनिया को नया शतरंज चैंपियन मैग्नस कार्लसन के तौर पर मिल चुका है।

कैसे हुई मैग्नस कार्लसन की जीत

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पहले ट्राइब्रेकर के समाप्त होने के साथ ही वर्ल्ड के नंबर वन चेस प्लेयर मैग्नस कार्लसन ने प्रज्ञाननंदा पर 1-0 की बढ़त बना ली। हालांकि शुरूआत में प्रज्ञान ने कार्लसन को कड़ी चुनौती दी लेकिन 32वें चाल में प्रज्ञाननंदा और कार्लसन ने अपने रूक्स को गंवा दिया। कुल 47 चालों के बाद प्रज्ञाननंदा को पहले ट्राइ ब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा है। दूसरे ट्राइब्रेकर में फिर से कार्लसन मजबूत स्थिति में पहुंच गए। मैग्नस कार्लसन शतरंज के नए विश्व चैंपियन बन गए हैं।

तीन दिनों में हुआ चेस वर्ल्डकप फाइनल का फैसला

भारत के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा और दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच वर्ल्डकप फाइनल की बाजी तीन दिनों तक चली। पहले और दूसरे दिन के मुकाबले ड्रॉ रहे। जिसके बाद तीसरे दिन 24 अगस्त को ट्राइब्रेकर के जरिए नतीजा निकला। दूसरी बाजी के पहले गेम में 35 चालों के बाद दोनों खिलाड़ियों ने ड्रॉ पर मुकाबला खत्म किया। दूसरा गेम भी 30 चालों के बाद ड्रॉ पर खत्म हुआ। फिर यह सवाल भी उठा कि यदि ट्राइब्रेकर भी ड्रॉ हो गया तो क्या होगा लेकिन ट्राइब्रेकर में कार्लसन हावी रहे।

कार्लसन बनाम प्रज्ञाननंदा के बीच शह-मात

अभी तक भारतीय ग्रैंड मास्टर आर प्रज्ञाननंदा और नंबर वन मैग्नस कार्लसन के बीच कुल 19 मुकाबले हो चुके हैं। वहीं क्लासिकल चेस में दोनों की 1 बार भिड़ंत हुई है और वह मुकाबला भी बराबरी पर खत्म हुआ था। रैपिड-एग्जिबिशन खेल में कार्लसन 7-5 से आगे हैं। जबकि दोनों के बीच हुए रैपिड मुकाबले भी बराबरी पर ही खत्म हुए।

18 साल के हैं आर प्रज्ञाननंदा

भारतीय ग्रैंड मास्टर आर प्रज्ञाननंदा की उम्र महज 18 साल की है और उन्होंने ट्राइब्रेकर के जरिए वर्ल्ड के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करुआना को हराकर फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने क्वार्टर फाइन में वर्ल्ड के दूसरे नंबर के प्लेयर हिकारू नाकामूरा को हराया था। प्रज्ञाननंदा 2024 में कनाडा में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं। ऐसा करने वाले वे दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। नंबर 1 पर महान शतरंज प्लेयर बॉबी फिशर हैं कार्लसन दूसरे नंबर पर हैं।

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