हॉकी विश्व कप 2023 में दुनियाभर की कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं लेकिन एक टीम ऐसी है जिसका विश्वकप खेलने का सफर बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। जी हां वह वेस्स की टीम है जिनके खिलाड़ियों ने चंदा उताकर विश्वकप खेलने का सपना पूरा किया है।
Hockey World Cup 2023. हॉकी विश्व कप 2023 में शिरकत करने वाली 16 टीमें प्रोफेशनल हैं और शानदार हॉकी खेलती हैं। वहीं दो टीमें ऐसी भी रहीं जिनका यह पहला विश्व कप है। पहली टीम चिली की है और दूसरी टीम वेल्स है, जो भारत से हारकर लगभग विश्व कप से बाहर हो चुकी है। लेकिन वेल्स की टीम का संघर्ष जानकार आप भी कहेंगे कि क्या गजब की टीम है। इस टीम के खिलाड़ी अलग-अलग प्रोफेशन में जॉब करते हैं और वीकेंड पर प्रैक्टिस करके देश के लिए हॉकी खेलते हैं। इतना हीं भारत में आकर विश्व कप खेलने के लिए टीम के खिलाड़ियों ने अपनी जेब से पैसे दिए और चंदा मांगकर भारत पहुंचे।
फुटबाल में बड़ी पहचान है वेल्स
वेल्स की फुटबाल टीम दुनिया के खतरनाक टीम मानी जाती है और हाल ही में खत्म हुए फीफा वर्ल्ड कप में भी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन हॉकी के मामले में इस देश की उतनी पहचान नहीं है। एक रिपोर्ट बताती है कि वेल्स की टीम के सभी खिलाड़ी अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़े हैं और रेगुलर प्रैक्टिस तक नहीं कर पाते। वे अपनी जॉब करते हैं और वीकेंड्स पर हॉकी की प्रैक्टिस करते हैं।
डॉक्टर से लेकर इंजीनियर तक
वेल्स टीम के खिलाड़ियों की बात करें तो इस टीम में डॉक्टर हैं, इंजीनियर हैं और कुछ तो टीचर भी हैं। एक खिलाड़ी साइंटिस्ट है तो दूसरा प्लेयर जिम का ट्रेनर है। यह सभी प्लेयर्स सोमवार से शुक्रवार तक जॉब करते हैं और वीकेंड पर हॉकी की तैयारी करते हैं। कई बार तो उन्हें प्रैक्टिस की छुट्टी के लिए अपने वेतन तक कटाने पड़ जाते हैं। लेकिन प्लेयर्स का जज्बा ऐसा रहा है कि इन्होंने न सिर्फ टीम की रैंकिंग सुधारी है बल्कि विश्व कप तक पहुंचाया है।
क्राउड फंडिंग से जुटाया पैसा
भारत आकर विश्व कप खेलने की बात सामने आई तो टीम के खिलाड़ियों ने अपनी जेब से पैसे इकट्ठा किए। इसके बाद क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाया, चंदा मांगा और एक-एक पैसा जुटाकर ये विश्व कप खेलने के लिए भारत पहुंचे। टीम के खिलाड़ियों का हॉकी के लिए इतना जूनून है कि हर खिलाड़ी हर साल अपनी कमाई से 1-1 लाख रुपया जमा करता है ताकि टीम दूसरे देशों का ट्रैवल कर सके और मैच खेले।
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