
Khelo India Youth Games. मध्य प्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन चल रहा है और 30 जनवरी से शुरू हुआ यह टूर्नामेंट 11 फरवरी तक चलेगा। इन खेलों में कुल 27 तरह की खेल प्रतियोगिताएं होंगी और देश भर के 6,000 एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं। इन 27 खेलों में वाटर स्पोर्ट्स के साथ ही भारत के 5 प्राचीन खेलों को भी शामिल किया गया है। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं ये 5 प्राचीन खेल।
क्या होता है मल्लखंब
मल्लखंब के बारे में रामायण में भी उल्लेख किया गया है और भारत की यात्रा पर आए चीनी यात्रियों ने भी इसका वर्णन किया है। यह मूलरूप से मराठा राजाओं द्वारा पेशवा सेना को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग होता था। मल्लखंब में जिम्नास्ट जमीन से जुड़ी या फिर लटकती हुई रस्सी के सहारे हवा में योग या जिम्नास्टिक मुद्राएं करता है। यह खेल अब दुनियाभर में फेमस है जिसे पोल मल्लखंब, हैंगिंग मल्लखंब या रोप मल्लखंब भी कहा जाता है।
क्या होता है गतका
गतका युद्ध शैली का खेल है जिसकी शुरूआत 15वीं शताब्दी में पंजाब से मानी जाती है। यह छड़ी लड़ाई की भी एक शैली है। इसमें तलवार की तरह दिखने वाली लकड़ी की छड़ियां होती हैं और दूसरा हथियार ढाल होता है और इसे फरी कहा जाता है। सिखों के 6ठें गुरू गुरू हरगोबिंद सिंह जी ने इसका प्रचार प्रसार किया था।
योगासन का खेल
पूरी दुनिया को योग से रूबरू कराने वाले भारत ने 2020 में इसे खेल की मान्यता दी है। इसे अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी शामिल कर लिया गया है। इसमें म्यूजिक के लिए लयबद्ध तरीके से 3 मिनट तक आसान किए जाते हैं। इसमें 10 तरह के आसान शामिल हैं। इसमें लेग बैलेंस, हैंड बैलेंस, बैक बैलेंस, फॉरवर्ड बेंड और बॉडी ट्विस्टिंग शामिल है।
क्या होता है थंगटा
करीब 400 साल पहले इसकी शुरूआत मणिपुर के राजाओं ने की थी। थंगटा का शाब्दिक अर्थ भाला या तलवार होता है। इस खेल पर पहले अंग्रेजों ने बैन लगा दिया था लेकिन फिर भी यह प्रचलन में रहा और अब इसे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का हिस्सा बनाया गया है। थंगटा में खिलाड़ी खतरनाक स्थितियों से बचने के लिए तलवार के स्थान पर छड़ी का इस्तेमाल करता है और भाले की जगह ढाल होती है।
क्या होता है कलारीपयट्टू
दक्षिण भारत में प्रचलित कलारी पयट्टू को मार्शल आर्ट की जननी भी कहा जाता है। कलारीपयट्टू में प्रहार, लात मारना, हाथापाई, हथियारों का भंडारण और उपचार के तरीके शामिल हैं। कलारी का अर्थ युद्धक्षेत्र होता है। इसका उपयोग कथकली जैसे डांस फॉर्म में भी किया जाता है। कलारी पयट्टू व्यायाम का भी एक हिस्सा है।
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