प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने के भारत के महत्वाकांक्षी सपने की घोषणा की, जिसमें कहा गया है कि इस दृष्टि को वास्तविकता बनाने की तैयारी पहले से ही चल रही है। प्रधानमंत्री ने पेरिस ओलंपिक 2024 में राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय एथलीटों को भी बधाई दी और आगामी पैरालंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार दल को अपनी शुभकामनाएं दीं।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आज हमारे बीच वो युवा भी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत का झंडा ऊंचा किया है। 140 करोड़ देशवासियों की ओर से मैं अपने सभी एथलीटों और खिलाड़ियों को बधाई देता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, "भारत ने बड़े पैमाने पर G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करके यह साबित कर दिया है कि भारत में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करने की क्षमता है। 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है और हम उसके लिए तैयारी कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री की यह घोषणा केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में एक लिखित उत्तर में सरकार के इरादे की पुष्टि करने के तुरंत बाद आई है। युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह विकास प्रतिष्ठित ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी के लिए भारत की संभावित बोली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) अपने फ्यूचर होस्ट कमीशन (FHC) के माध्यम से मेजबान चयन प्रक्रिया की देखरेख करती है, जो मेजबानी के अधिकारों के आवंटन का मूल्यांकन और निर्णय लेती है।
पीएम मोदी ने आगामी पैरालंपिक के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जहां भारत का प्रतिनिधित्व 84 एथलीटों के अपने अब तक के सबसे बड़े दल द्वारा किया जाएगा। ये एथलीट तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कैनोइंग, साइकिलिंग, ब्लाइंड जूडो, पावरलिफ्टिंग, रोइंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस और ताइक्वांडो सहित 12 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। भारत का लक्ष्य अपनी पिछली सफलताओं पर आगे बढ़ना है, जिसमें टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक और पैरा एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 111 पदक शामिल हैं।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने लाल किले पर स्वागत किया। वह सफेद कुर्ता के साथ नीले रंग की पोशाक और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहने नजर आए।
यह वर्ष लाल किले से पीएम मोदी का 11वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन है, जो उन्हें जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद इस मुकाम तक पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बनाता है। इस वर्ष के उत्सव का विषय, 'विकसित भारत @ 2047', भारत को उसकी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक एक विकसित राष्ट्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।