
Annu Rani Gold Medal 2025: पोलैंड में इंटरनेशनल विस्लाव मनियाक मेमोरियल जैवलिन थ्रो कंपटीशन आयोजित हुआ। इसमें मेरठ के बहादुरपुर की रहने वाली अनु रानी ने कमाल करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। उन्होंने अपने करियर का बेस्ट 62.59 मी. थ्रो करके तुर्की और ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों को हराया और गोल्ड मेडल हासिल किया। उन्हें इस कंपटीशन में 6 बार थ्रो करने का मौका मिला, पहले ट्राई में उन्होंने 60.95 मी., दूसरे में 62.59 मीटर, तीसरे में 59.89 मीटर दूरी पर भाला फेंका। चौथा थ्रो फाउल रहा, पांचवें में उन्होंने 55.66 मी. और छठवें में 60.07 मीटर की दूरी तय की। उनके बेस्ट थ्रो 62.59 मीटर को मान्य मानते हुए उन्हें गोल्ड मेडल दिया गया। आइए आपको मिलवाते हैं अनु रानी से...
28 अगस्त 1992 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मी अनु रानी एक किसान परिवार से आती हैं, लेकिन उन्होंने अपने समाज की रूढ़िवादी सोच को तोड़ते हुए महिलाओं के लिए नई मिसाल पेश की और भारत में महिला एथलीटों के लिए प्रेरणा बनीं। ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर भारत का नाम रोशन किया। अनु रानी भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। बताया जाता है कि उनके भाई ने सबसे पहले उन्हें अपने हाथों से भाला बना कर दिया था, जिससे वो प्रेक्टिस किया करती थीं।
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अनु रानी ने जैवलीन थ्रो में कई बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। एशियन गेम्स 2023 में उन्होंने 62.92 मी. दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके अलावा वो टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी भारतीय टीम का हिस्सा थी। 2024 पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने भाग लिया। 2019 वर्ल्ड चैंपियन के फाइनल में जगह बनाने वाली वो पहली महिला खिलाड़ी बनीं। 2019 एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। 2017 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक और 2016 साउथ एशियन गेम में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इस साल ताइवान एथलेटिक्स ओपन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल और इंडियन ओपन एथलेटिक्स 2025 में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था। अब उन्होंने पोलैंड में इतिहास रचते हुए सीजन का बेस्ट थ्रो करते हुए एक और गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।