ओडिशा की महिला शिक्षिका स्मिता मानसी जेना को यूनाइटेड नेशन्स और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने क्यों सराहा?

दुनिया के तमाम देशों में खेलों को बढ़ावा तो मिल रहा है लेकिन समाज में लड़कियों को आज भी तमाम तरह की समस्याओं से जूझकर आगे जाना पड़ रहा है। समाज में कई ऐसे मार्गदर्शक सामने आ रहे जो ऐसी प्रतिभाओं के लिए बेहद मददगार साबित होते।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 18, 2023 4:47 PM IST

Women breaking the barriers in Sports: दुनिया के तमाम देशों में खेलों को बढ़ावा तो मिल रहा है लेकिन समाज में लड़कियों को आज भी तमाम तरह की समस्याओं से जूझकर आगे जाना पड़ रहा है। हालांकि, तमाम लड़कियां समाज की बाधाओं को पार कर आगे बढ़ जा रही हैं लेकिन कई ऐसी हैं जो सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं में फंस कर जूझती रह जा रहीं। ऐसी समाज में कई ऐसे मार्गदर्शक सामने आ रहे जो ऐसी प्रतिभाओं के लिए बेहद मददगार साबित होते। ओडिशा के लोकल स्कूल में पढ़ाने वाली स्मिता मानसी जेना भी दुनिया के उन गिनी चुनी महिलाओं में शामिल हैं जो स्पोर्ट्स के क्षेत्र में स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने में मदद कर रहीं। स्मिता के मेहनत और जुनून को देखते हुए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और यूनाइटेड नेंशन्स ने सराहा है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की एक प्रदर्शनी में भी स्मिता के फोटो उन महिलाओं में शुमार हैं जो ओलंपिक लेवल के लिए स्कूल स्टूडेंट्स को तैयार कर रहे।

स्मिता, लड़कियों में खेल के प्रति जुनून पैदा कर रहीं

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स्मिता मानसी जेना ओडिशा में शारीरिक शिक्षा शिक्षिका हैं। वह एक हाई स्कूल में पढ़ाती हैं। स्मिता और उनके साथी विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों से भी जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। स्मिता जिस स्कूल में पढ़ाती हैं वह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी से जुड़ा हुआ है। ओलंपिक वैल्यु एजुकेशन प्रोग्राम को स्कूल के कोर्स में जोड़ा गया है। इसके बाद से ही स्मिता लगातार ओलंपिक के स्तर की स्पोर्ट्स ट्रेनिंग देते हुए स्टूडेंट्स को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि स्मिता लड़के-लड़कियों को बराबर ही खेल के प्रति जागरूक कर रहीं। वह उनकी हर संभव मदद कर रहीं ताकि वह ओलंपिक स्तर के प्लेयर बन सकें।

जिनेवा में प्रदर्शनी में स्मिता मानसी जेना की फोटो भी शुमार

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक प्रदर्शनी शुरू हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन मंगलवार को किया गया। इस प्रदर्शनी में खेल के क्षेत्र में पारंपरिक ज्ञान को तोड़ने वाली महिलाओं का फोटो लगाकर उनको सम्मान दिया गया है। यह ऐसी महिलाएं हैं जो पारंपरिक शिक्षा देने के साथ साथ बच्चों को खेलों के प्रति भी जुनून पैदा कर रहीं। यह फोटो प्रदर्शनी 5 महाद्वीपों के 26 देशों की 18 खेलों से जुड़ी महिलाओं को लेकर आयोजित की गई है। भारत से स्मिता को जगह मिली है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नई पीढ़ी नकारात्मक धारणाओं को दूर करके खेल से जुड़े। विश्व खेल के 6 विषयों पर जोर दिया गया है... उच्च प्रदर्शन वाले एथलीट, फील्ड गेम्स, आर्गेनाइजेशनल डेवलपमेंट, स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन, स्पोर्ट्स मीडिया एवं ब्रॉडकास्टिंग, स्पोर्ट्स साइंस आदि।

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