खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक लगा दी है। डब्ल्यूएफआई का चुनाव 7 मई को होना था।
Wrestlers protesting against WFI President: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दूसरी बार धरना दे रहे पहलवानों ने अब एफआईआर के लिए सुप्रीम कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया है। कुछ महीना पहले ही महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज होने पर पहलवानों ने रविवार से दुबारा धरना शुरू कर दिया था। सोमवार को एफआईआर के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उधर, खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव पर रोक लगा दी है। डब्ल्यूएफआई का चुनाव 7 मई को होना था।
एफआईआर की मांग कर रहे पहलवान, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
सात महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। एफआईआर दर्ज नहीं होने पर पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पहलवानों के धरने में अग्रिम पंक्ति में शामिल पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की जानी बाकी है। उन्होंने कहा कि वे इस बात से निराश हैं कि इस मुद्दे पर एक सरकारी पैनल की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रिपोर्ट, जिसमें महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए गए हैं, सार्वजनिक हो। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग लड़की है। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ताओं के नाम लीक नहीं होने चाहिए।
मैरी कॉम की अध्यक्षता में गठित हुई थी कमेटी
खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और उसे एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में दो सप्ताह की समय सीमा बढ़ा दी गई। प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया। समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।
महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को दिया नोटिस
दिल्ली महिला आयोग ने मामले में एफआईआर नहीं दर्ज होने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। पहलवानों ने आयोग से शिकायत की थी कि दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, "शिकायतकर्ता ने आयोग को सूचित किया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध में शामिल रहा है।"
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