कोहली के कप्‍तानी के छोड़ने के कौन हैं वो अहम कारण, जानिए क्‍या कह रहे हैं जानकार

विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि उन्‍होंने टीम के हित में कप्‍तानी छोड़ी है। फ‍िर भी ऐसे बहुत सारे रीजन है जिनकी वजह से उन्‍हें टेस्‍ट टीम की भी कप्‍तानी छोड़नी पड़ी।

 

Asianet News Hindi | Published : Jan 15, 2022 4:13 PM IST

स्‍पोर्ट्स डेस्‍क। विराट कोहली (Virat Kohli)  ने साउथ अफ्रीका के ख‍िलाफ 3 टेस्‍ट सीरीज हार के बाद कप्‍तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया। कोहली के इस फैसले के बाद कई तरह के बयान आ रहे हैं। सवाल यह है कि आख‍िर कोहली ने आख‍िर टेस्‍ट की कप्‍तानी क्‍यों छोड़ी? क्‍या उनपर बीसीसीआई (BCCI) का दबाव था? या फ‍िर उनपर खुद के प्रदर्शन का? वैसे उन्‍होंने अपने ट्वीट में साफ कर दिया है कि उन्‍होंने टीम के हित में कप्‍तानी छोड़ी है। फ‍िर भी ऐसे बहुत सारे रीजन है जिनकी वजह से उन्‍हें टेस्‍ट टीम की भी कप्‍तानी छोड़नी पड़ी। इस पर हमने क्रिकेट के जानकार निखिल शर्मा से बात की और उन्‍होंने ऐसे अहम कारणों पर रोशनी डाली, जिसकी वजह से कोहली को टेस्‍ट से कप्‍तानी से हटना पड़ा आइए आपको भी बताते हैं।

बीसीसीआई खुद कर सकती थी ऐलान
बीसीसीआई मन बना चुकी थी कि अगर साउथ अफ्रीका दौरा खराब जाता है तो टेस्‍ट टीम का कप्‍तान बदला जाएगा। इस पर कई खि‍लाड़ि‍यों के नामों पर भी चर्चा हो चुकी थी। जिसके बारे में विराट कोहली को भनक हो चुकी थी। ऐसे में उन्‍होंने बाइज्‍जत टेस्‍ट टीम की कप्‍तानी को छोड़ने का फैसला कर लिया।

कोई भी आईआईसी ट्रॉफी ना जीत पाना
पहले टी 20 उसके बाद वनडे क्रिकेट से विराट कोहली ने कप्‍तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था। इन दोनों टीमों की कप्‍तानी पर भी विराट पर कई तरह के सवाल थे। दोनों ही फॉर्मेट में विराट के नेतृत्‍व में टीम कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकी थी। जिसमें 2017 की चैंपियन ट्रॉफी भी शामिल है। वहीं आईआईसी टेस्‍ट चैंपियनशि‍प में फाइनल में पहुंचने के बाद ना जीत पाना भी एक कारण बना।

लगातार दो सालों से खराब फॉर्म में रहना
भले ही टेस्‍ट मैचों में विराट कोहली का परफॉर्मेंस काफी शानदार रहा हो, लेकिन दो सालों 2020 में 19.33 और 2021 में 28.21 का रहा है। दोनों ही सालों में विराट कोहली ने कुल 14 मैच खेले हैं। वहीं विराट कोहली ने 23 नवंबर 2019 में बांग्‍लादेश के खिलाफ ईडन गार्डन में अपनी आख‍िरी टेस्‍ट सेंचुरी लगाई थी। इसका मतलब है करीब 30 महीनों से विराट के बल्‍ले से एक भी टेस्‍ट सेंचुरी नहीं निकली है। वो लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं।

टीम मेट्स के साथ तालमेल ना बिठा पाना
विराट कोहली मीडिया के सामने कुछ भी कहें, लेकिन रोहित शर्मा के साथ उनकी तनातनी किसी से छिपी हुई नहीं है। कई बार ऐससा देखने को मिल चुका है। वहीं कुछ सीनियर ख‍िलाड़ि‍यों ने भी विराट की श‍िकायतें की हैं। मतलब है कि विराट के बाकी टीम मेट्स के साथ बेहतर तालमेल कुछ समय अच्‍छा नहीं देखने को नहीं मिला है। जिसका असर टीम के प्रदर्शन पर भी साफ देखने को मिल रहा है।

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बोर्ड के साथ तनातनी
क्रिकेट बोर्ड के साथ विराट की तनातनी किसी से छिपी नहीं है। बोर्ड में सौरव गांगुली एंड टीम विराट कोहली से तब सबसे ज्‍यादा नाराज हुई थी जब विराट कोहली ने वनडे टीम की कप्‍तानी छोड़ने के बारे में प्रेस कांफ्रेंस की थी। वहीं टी20 की कप्तानी छोड़ने के फैसले पर भी बोर्ड ने अपनी नाराजगी जताई थी। क्‍योंकि इसके बारे में फैसला वर्ल्‍ड कप के बाद होना था, लेकिन विराट ने इस अपना फैसला पहले ही सुना दिया था।

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रवि शस्‍त्री और बाकी स्‍पोर्ट स्‍टाफ का चेंज होना
टीम इंडिया में विराट वन मैन आर्मी की तरह थे। जिसका समर्थन रवि शास्‍त्री और बाकी स्‍पोर्ट स्‍टाफ भी करता था, लेकिन रवि शास्‍त्री और बाकी स्‍पोर्ट स्‍टाफ का टेन्‍योर खत्‍म होने के बाद राहुल और उनकी टीम के आने के बाद वो स्‍पोर्ट बूस्‍ट खत्‍म हो गया जो विरासट कोहली को मिलता आ रहा था। जिसकी वजह से विराट पर लगातार दबाव बन रहा था।

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गलत फैसलों ने भी बनाया दबाव
वहीं दूसरी ओर विराट कोहली ने कई अहम मौकों पर गलत फैसले भी लिए। जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना भी हुई। अब वो उभरकर सामने आ रही हैं। वनडे वर्ल्‍डकप अंबाती रायडू की जगह विजय शंकर को टीम में शामिल करना और थ्रीडी डाइमेंशन प्‍लेयर के रूप में समर्थन करना काफी बड़ा गलत फैसला साबित हुआ। इसके अलावा वर्ल्‍ड टेस्‍ट चैंप‍ियनश‍िप के फाइनल मुकाबले में फास्‍ट बॉलिंग को स्‍पोर्ट करने वाली पिच पर दो स्पिनर को खि‍लाने का फैसला भी काफी विवादित था।

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