
Bihar News: पटना में गंगा किनारे बने मरीन ड्राइव की तर्ज पर अब मुंगेर और भागलपुर के बीच शानदार फोर लेन एलिवेटेड रोड (मरीन ड्राइव) बनेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग ने इस महत्वाकांक्षी योजना की तैयारी शुरू कर दी है। करीब 100 किलोमीटर लंबे इस फोर लेन मरीन ड्राइव के निर्माण पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।
शनिवार को श्रावणी मेला की तैयारियों की समीक्षा करने सुल्तानगंज पहुंचे पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को लेकर सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और 12 से 13 जुलाई के बीच इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से औपचारिक मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इस एलिवेटेड मरीन ड्राइव का निर्माण हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) के तहत किया जाएगा। इसमें निर्माण एजेंसी परियोजना लागत का 60% वहन करेगी, जबकि राज्य सरकार 40% राशि का योगदान करेगी। यह मॉडल परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करता है और निजी निवेश को भी प्रोत्साहित करता है।
इस फोर-लेन सड़क के निर्माण से मुंगेर, बांका और भागलपुर जैसे जिलों को एक नया संपर्क गलियारा मिलेगा, जिससे बाबा बासुकीनाथ धाम की यात्रा के प्रारंभिक बिंदु सुल्तानगंज का धार्मिक और पर्यटन महत्व और बढ़ जाएगा। यह मार्ग खासकर श्रावणी मेला जैसे अवसरों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए काफी मददगार साबित होगा।
फिलहाल पटना में गंगा के किनारे 20.5 किलोमीटर लंबा मरीन ड्राइव चालू है, जो दीघा से दीदारगंज तक फैला है। इसके चार चरणों में क्रमशः दीघा से गांधी मैदान (7.5 किमी), पीएमसीएच से गायघाट (5 किमी), गायघाट से कंगन घाट (3 किमी) और फिर कृष्णा घाट संपर्क पथ विकसित किया गया। 10 अप्रैल 2025 को कंगनघाट से दीदारगंज तक के हिस्से का भी उद्घाटन हो चुका है। सरकार ने इस परियोजना के विस्तार को भी मंजूरी दे दी है। अब इसे पश्चिम में कोइलवर पुल तक पुराने एनएच के चौड़ीकरण के साथ ही पूर्व में दीदारगंज से फतुहा, बख्तियारपुर होते हुए मोकामा तक जोड़ा जाएगा।
मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि सुल्तानगंज में एयरपोर्ट के निर्माण की दिशा में भी काम चल रहा है। इसके अलावा इस वर्ष श्रावणी मेला के दौरान कांवरिया पथ के 76 किलोमीटर लंबे हिस्से के रखरखाव के लिए पांच साल का टेंडर जारी किया गया है। इसके अंतर्गत भागलपुर (8.5 किलोमीटर), मुंगेर (24 किलोमीटर) और बांका (49.75 किलोमीटर) जिले आते हैं। इस बार कच्ची कांवर पथ का दो महीने तक नियमित रखरखाव करने की योजना है, जिसमें समय-समय पर पानी का छिड़काव, बालू की नई परतें बिछाने समेत अन्य जरूरी काम शामिल हैं। नौ जुलाई को मुख्यालय से इंजीनियरों की टीम आकर इन कामों का जायजा लेगी।
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