
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की 121 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम 5 बजे समाप्त हो गया। इस चरण में राजनीतिक दलों ने मतदाताओं तक पहुँचने के लिए हवाई मार्ग का अभूतपूर्व इस्तेमाल किया। प्रचार के दौरान कुल 320 उड़ानें भरी गईं, जिनमें 260 हेलीकॉप्टर और 60 चार्टर्ड विमान शामिल थे। यह संख्या बताती है कि राजनीतिक दलों ने ज़मीन के साथ-साथ आसमान से भी चुनावी जंग लड़ी, जहाँ कम समय में अधिक से अधिक क्षेत्रों को कवर करने पर जोर दिया गया।
प्रचार के हवाई आँकड़ों पर गौर करें तो, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का दबदबा स्पष्ट रूप से सामने आता है। एनडीए के नेताओं ने कुल 256 उड़ानें भरीं, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने 64 बार उड़ान भरी। यह दर्शाता है कि एनडीए प्रचार की तीव्रता और कवरेज में इंडिया गठबंधन से लगभग चार गुना आगे रहा। पहले चरण के 18 जिलों में से 16 जिले पटना से नजदीक थे, जिसने नेताओं के लिए बेस कैंप से बार-बार उड़ान भरकर वापस लौटना सुविधाजनक बना दिया। दीपावली, छठ और मौसम खराब होने की वजह से पाँच दिन हेलीकॉप्टर और चार्टर्ड विमान उड़ान नहीं भर पाए थे, अन्यथा यह संख्या और भी अधिक होती।
दोनों गठबंधनों के शीर्ष नेताओं ने हवाई प्रचार में भाग लिया। एनडीए की ओर से गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उड़ानें भरीं। वहीं, इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, प्रियंका गांधी, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलौत, और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया।
यह हवाई प्रचार सस्ता नहीं है, और इस पूरे चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा हेलीकॉप्टरों से प्रचार पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की संभावना है। वर्तमान में प्रचार के लिए 18 हेलीकॉप्टर इस्तेमाल हो रहे हैं, और भविष्य में कुछ और विमानों के आने की उम्मीद है। खर्च की बात करें तो, एक हेलीकॉप्टर की तीन-चार घंटे की उड़ान पर लगभग 10-11 लाख रुपये का खर्च आता है। इसमें लगभग दो से ढाई लाख रुपये प्रति घंटा किराया, जीएसटी, और क्रू मेंबर के रहने-खाने का इंतजाम भी राजनीतिक दलों को ही करना पड़ता है।
पहले चरण का प्रचार समाप्त होने के साथ ही, राजनीतिक दलों ने अब अपना पूरा ध्यान दूसरे चरण पर केंद्रित कर दिया है। दूसरे चरण में 20 जिलों के 122 विधानसभा क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होना है। इस चरण का प्रचार 9 नवंबर को समाप्त होगा। उम्मीद है कि दूसरे चरण के लिए चुनावी रैलियों और हवाई यात्राओं की संख्या में और वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि गठबंधन अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
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