
पटनाः बिहार की राजनीति हमेशा से ही दिलचस्प और अनोखे चुनावी दाँव-पेंचों के लिए जानी जाती है। इस बार औरंगाबाद जिले की नबीनगर विधानसभा सीट से एक ऐसा ही 'अजब-गजब' ऑफर सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में चुनावी चर्चा को गर्मा दिया है। शिवहर के पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनकी पत्नी, शिवहर की वर्तमान सांसद लवली आनंद, अपने बेटे चेतन आनंद (जो जदयू के उम्मीदवार हैं) को जिताने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं। इसी क्रम में आनंद मोहन ने नबीनगर की जनता को एक ऐसा 'डील' पेश किया है, जिसे राजनीतिक गलियारों में 'बाय वन गेट थ्री' (एक के बदले तीन) का ऑफर माना जा रहा है।
शिवहर के मौजूदा विधायक चेतन आनंद इस बार नबीनगर विधानसभा सीट से एनडीए समर्थित जदयू के टिकट पर मैदान में हैं। बेटे की जीत सुनिश्चित करने के लिए आनंद मोहन और लवली आनंद गाँव-गाँव घूमकर जनसंपर्क कर रहे हैं।
जनसभाओं और गाँव-गाँव में जनसंपर्क के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन खुलकर यह ऑफर जनता के सामने रख रहे हैं। उनका तर्क है कि चेतन आनंद को वोट देने पर नबीनगर की जनता को तीन स्तरों पर काम करवाने का सीधा फायदा मिलेगा, जिसे उन्होंने एक '3-इन-1 पैकेज' के तौर पर पेश किया है:
यानी, जनता एक वोट चेतन आनंद को देगी, लेकिन काम करवाने के लिए उन्हें एक विधायक, एक सांसद और एक अनुभवी पूर्व सांसद, कुल तीन शक्तिशाली राजनीतिक शख्सियतों का साथ मिलेगा।
आनंद मोहन के इस 'बाय वन गेट थ्री' ऑफर ने नबीनगर के मतदाताओं को असमंजस में डाल दिया है और वे इस डील का आकलन करने में जुट गए हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे आनंद मोहन परिवार का एक 'मास्टरस्ट्रोक' मान रहे हैं, जो सीधे जनता की सबसे बड़ी जरूरत काम करवाने पर फोकस करता है।
विश्लेषकों के अनुसार, इस रणनीति के पीछे कई कारण हैं। जैसे कि यह ऑफर स्पष्ट करता है कि आनंद मोहन परिवार पूरी तरह से एकजुट होकर, सत्ता के तीनों प्रमुख स्तरों (राज्य विधायिका, केंद्रीय संसद और सामाजिक/प्रशासनिक रसूख) से नबीनगर के विकास को सुनिश्चित करने का वादा कर रहा है। शिवहर से विधायक रह चुके चेतन आनंद के लिए नबीनगर एक नई सीट है। इस ऑफर के जरिए आनंद मोहन अपने बेटे के साथ अपनी पत्नी की राजनीतिक शक्ति को जोड़कर, चेतन के अकेलेपन को दूर कर रहे हैं और उन्हें एक मजबूत 'पारिवारिक पैकेज' के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
लवली आनंद के सांसद होने के नाते, यह वादा आसानी से पूरा किया जा सकता है। वहीं, आनंद मोहन का व्यक्तिगत दबदबा और जनता से सीधा भावनात्मक जुड़ाव उन्हें 'तीसरी शक्ति' के रूप में पेश करता है, जो हर समस्या का अंतिम समाधान करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नबीनगर की जनता आनंद मोहन के इस अनोखे और प्रभावी 'बाय वन गेट थ्री' ऑफर को स्वीकार करती है या नहीं। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस चुनाव में यह प्रस्ताव सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है।
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