छोटन शुक्ला-श्रीप्रकाश शुक्ला और बृज बिहारी प्रसाद...बिहार के 3 बाहुबलियों की कहानी-गोलियों से हुआ तीनों का अंत

Published : Oct 02, 2025, 09:34 AM IST
shri prakash shukla and brij bahari prasad

सार

90 के दशक में बिहार की राजनीति में अपराध हावी था। छोटन शुक्ला की हत्या का बदला लेने के लिए उसके भाई श्रीप्रकाश ने मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को मार डाला। बाद में, श्रीप्रकाश शुक्ला भी एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

पटनाः बिहार की राजनीति और अपराध का रिश्ता हमेशा से गहरा रहा है। 90 का दशक तो जैसे इस कॉकटेल का सबसे डरावना चेहरा था, जब हर चुनाव गोली, बारूद और खून-खराबे से तय होता था। नेताओं की ताकत सिर्फ़ जनता के वोट से नहीं, बल्कि उनके पास मौजूद हथियारबंद गुर्गों और गैंग की धमक से भी मापी जाती थी। इसी दौर में तीन नाम बिहार की सियासत में गूंजे, छोटन शुक्ला, श्रीप्रकाश शुक्ला और बृज बिहारी प्रसाद। इन तीनों की कहानी एक-दूसरे से इस तरह जुड़ी कि नतीजा सीधे मौत पर जाकर खत्म हुआ।

छोटन शुक्ला: मुजफ्फरपुर का बाहुबली

मुजफ्फरपुर में 90 के दशक की राजनीति का एक ही सिक्का चलता था छोटन शुक्ला। छात्र राजनीति से निकलकर बाहुबली बनने वाला छोटन, इलाके का ऐसा नाम था जिसके कहने भर से ठेके, रंगदारी और यहां तक कि चुनावी नतीजे तक तय हो जाते थे। छोटन अब विधायक बनने की ओर बढ़ रहा था और उसका रसूख लगातार बढ़ रहा था। लेकिन जहां छोटन अपनी जमीन मजबूत कर रहा था, वहीं दूसरी ओर उसी इलाके में एक और नाम उभर रहा था, बृज बिहारी प्रसाद।

बृज बिहारी प्रसाद: सियासत का नया खिलाड़ी

बृज बिहारी प्रसाद लालू यादव के करीबी नेताओं में गिने जाते थे। पढ़ाई के दिनों से ही उनका अपराध और राजनीति दोनों से जुड़ाव था। जनता दल के टिकट पर वे विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे मंत्री तक बन गए। लेकिन उनका विस्तार छोटन शुक्ला के इलाके में हो रहा था। यही वजह थी कि दोनों के बीच टकराव होना तय था। शहर दो हिस्सों में बंट गया, एक तरफ छोटन का दबदबा और दूसरी तरफ बृज बिहारी की सियासत।

12 सितंबर 1994: छोटन शुक्ला की हत्या

सर्द हवाओं वाली एक शाम, मुजफ्फरपुर की सड़कों पर गोलियों की गूंज सुनाई दी। छोटन शुक्ला की कार पर अंधाधुंध फायरिंग हुई और वह मौके पर ही ढेर हो गया। खबर फैलते ही पूरे इलाके में दहशत और गुस्से की लहर दौड़ गई। लोगों की उंगलियाँ सीधे बृज बिहारी प्रसाद की ओर उठीं। माना गया कि छोटन की हत्या उसी की साजिश थी, ताकि इलाके से उसका दबदबा खत्म किया जा सके। लेकिन यहीं से दुश्मनी का नया अध्याय शुरू हुआ।

श्रीप्रकाश शुक्ला की एंट्री

छोटन शुक्ला का छोटा भाई श्रीप्रकाश शुक्ला पहले से ही अपराध की दुनिया का जाना-पहचाना नाम था। लेकिन भाई की हत्या ने उसे खून का प्यासा बना दिया। उसके लिए अब हर काम का मकसद सिर्फ़ एक था, बृज बिहारी प्रसाद का खात्मा। श्रीप्रकाश ने गैंग को और मजबूत किया और बिहार-उत्तर प्रदेश दोनों में अपने नेटवर्क को फैला लिया। बृज बिहारी एक मंत्री थे, उन्हें कमांडो सुरक्षा मिली हुई थी। लेकिन श्रीप्रकाश के इरादे इतने पक्के थे कि उसने ठान लिया कि एक दिन मौका जरूर मिलेगा।

1998: पटना का IGIMS अस्पताल

कहानी ने नया मोड़ तब लिया जब बृज बिहारी प्रसाद को तकनीकी संस्थानों में एडमिशन घोटाले के केस में गिरफ्तार किया गया। जेल जाने के बाद उन्होंने बीमारी का बहाना बनाया और पटना के IGIMS अस्पताल में भर्ती हो गए। अस्पताल में भी उनके चारों ओर सुरक्षा का पहरा था, लेकिन उसी दौरान श्रीप्रकाश शुक्ला भी रेकी करने पहुंचा। कई बार वह बेहद करीब आकर भी वार नहीं कर सका। लेकिन 13 जून 1998 को किस्मत ने बृज बिहारी का साथ छोड़ दिया। उस दिन जैसे ही मंत्री अस्पताल पहुंचे, अचानक गोलियों की बरसात हुई। चंद सेकंड में पूरा अस्पताल परिसर गोलियों की आवाज़ से गूंज उठा। बृज बिहारी प्रसाद को छलनी कर दिया गया और उनकी मौत हो गई।

यूपी पुलिस की गोलियों से छलनी हुआ श्रीप्रकाश

पूरी वारदात के पीछे नाम आया श्रीप्रकाश शुक्ला। यह हमला छोटन शुक्ला की हत्या का बदला था। दुश्मनी की उस कड़ी ने आखिरकार बृज बिहारी को भी मौत के घाट उतार दिया। लेकिन श्रीप्रकाश ज्यादा दिनों तक बच नहीं सका। उत्तर प्रदेश सरकार ने उसके आतंक को खत्म करने के लिए STF (स्पेशल टास्क फोर्स) बनाई। 20 सितंबर 1998 को दिल्ली के पास हुए एनकाउंटर में श्रीप्रकाश शुक्ला भी मार गिराया गया।

खून से लिखी सियासत

छोटन शुक्ला, बृज बिहारी प्रसाद और श्रीप्रकाश शुक्ला, तीनों का अंत गोलियों से हुआ। यह कहानी सिर्फ तीन बाहुबलियों की नहीं थी, बल्कि उस दौर की भी थी जब बिहार की राजनीति और अपराध एक ही सिक्के के दो पहलू बन चुके थे। यह वो समय था जब चुनावी लड़ाई लोकतंत्र के बूथों पर नहीं, बल्कि AK-47 की गोलियों से तय होती थी।

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Patna Weather Today: पटना में 6 दिसंबर को कैसा रहेगा मौसम, IMD ने दी चेतावनी
Nitish Kumar ने PM Modi का जिक्र कर विपक्ष को दी चेतावनी! देखें पूरा बयान