
Bhore Assembly Election 2025: भोरे विधानसभा चुनाव 2025 (Bhore Assembly Election 2025) जेडीयू नेता सुनील कुमार एक बार फिर जीते। 1 लाख से अधिक मिले वोट।
जातीय समीकरण की बात करें तो रविदास और कोइरी जाति के मतदाता लगभग 30% से अधिक हैं। इनके अलावा यादव और मुस्लिम मतदाता भी चुनावी नतीजों में बड़ा असर डालते हैं। यही कारण है कि हर चुनाव में यहां त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलता है।
2010 के विधानसभा चुनाव में इन्द्रदेव मांझी (BJP) ने 61,401 वोट पाकर जीत दर्ज की। उन्होंने बच्चन दास (RJD) को 43,570 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस चुनाव ने भाजपा को यहां मजबूत आधार दिया।
2015 में अनिल कुमार (INC) ने कांग्रेस को मजबूत किया। उन्होंने 74,365 वोट हासिल किए और भाजपा प्रत्याशी इन्द्रदेव मांझी को हराया। इस बार जीत का अंतर 14,871 वोटों का था। यह कांग्रेस के लिए बड़ी राहत थी।
2020 में यहां मुकाबला बेहद कांटे का रहा। जेडीयू से मैदान में उतरे सुनील कुमार ने 74,067 वोट पाकर जीत हासिल की। वे राजनीति में आने से पहले सीनियर पुलिस ऑफिसर थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। महागठबंधन ने यहां से CPI(ML) प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को उतारा, जिन्हें 73,605 वोट मिले। हार-जीत का अंतर सिर्फ 462 वोटों का था, जो इस सीट की राजनीतिक पेचीदगी को दिखाता है। एलजेपी की पुष्पा देवी को 4,520 वोट और जाप के मनोज कुमार बैथा को 4,328 वोट मिले।
भोरे विधानसभा 1957 के बाद से चार बार सामान्य सीट के रूप में रही है, लेकिन बाकी चुनावों में इसे SC आरक्षित किया गया है। कांग्रेस, भाजपा और जेडीयू तीनों पार्टियों का यहां पर अलग-अलग दौर में दबदबा रहा है। 2025 में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुनील कुमार अपनी सीट बचा पाएंगे या फिर महागठबंधन यहां नया समीकरण बना देगा।
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