बिहार के एक वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी का निधन सोमवार देर रात दिल्ली में हो गया है। उनकी उम्र 72 साल थी। उनके निधन से भाजपा सहित राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।
पटना. भाजपा नेता सुशील मोदी का जन्म 1952 में हुआ था। उन्होंने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। वे 72 साल के हो गए थे। वे पिछले सात माह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से परेशान थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को गु पटना में किया जाएगा।
सुशील मोदी बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम थे।
वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।
उन्होंने सोमवार देर रात दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली।
उनका अंतिम संस्कार बिहार के पटना में किया जाएगा।
उनके निधन पर भाजपा सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने शोक संवदेना प्रकट की है।
सुशील मोदी ने एक माह पहले ही अपनी बीमारी के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी।
उन्होंने बीमारी के कारण लोकसभा चुनाव में भी प्रचार करने में असमर्थता व्यक्त की थी।
पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है।
बिहार डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उनके निधन की जानकारी देते हुए लिखा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। यह बिहार बीजेपी के लिए अपूरणीय क्षति है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा विद्यार्थी परिषद से लेकर ही हमने साथ में संगठन के लिए लंबे समय तक काम किया। उनका जीवन बिहार के लिए समर्पित रहा।
सुशील कुमार मोदी भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे बिहार के वित्त मंत्री भी रह चुके थे। वे वर्तमान में राज्यसभा सांसद थे।
सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था। उन्होंने बीएससी बीएन कॉलेज पटना से की थी। इसके बाद उन्होंने एमएससी का कोर्स छोड़ दिया और जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए आंदोलन में कूद पड़े थे।
सुशील मोदी ने 1987 में मुंबई की जेसी जॉर्ज से शादी की। उनके दो बेट हैं।
सुशील मोदी 1990 में राजनीति में शामिल हो गए और पटना केंद्रीय विधानसभा से चुनाव लड़ा। 1990 में उन्हें भाजपा बिहार विधानसभा दल का मुख्य सचेतक बनाया गया था। 1996 से 2004 तक वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर की, जिसे बाद में चारा घोटाले के रूप में जाना जाता था। 2004 में वह भागलपुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के सदस्य बने।
2000 में एक अल्पकालिक नीतीश कुमार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री थे। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन का समर्थन किया।
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