
पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर ने फिर जगह उगला है। हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की। यह पहली बार नहीं है जब चंद्र शेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है।
चंद्र शेखर ने कहा, "यदि आपके सामने 55 प्रकार के व्यंजन परोसें और उसमें थोड़ा सा पोटेशियम साइनाइड मिला दें तो क्या आप इसे खाएंगे? हिंदू धर्म के ग्रंथों का भी यही हाल है।" उन्होंने कहा कि बाबा नागार्जुन और लोहिया समेत कई लेखकों ने भी इसकी आलोचना की है।
मंत्री ने कहा, “रामचरितमानस पर मेरी आपत्ति दृढ़ है। यह जीवन भर बनी रहेगी। यहां तक कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस पर टिप्पणी की है। जब तक गटर में कदम रखने वालों की जातियां नहीं बदली जाएंगी। इस देश में आरक्षण और जाति जनगणना की जरूरत रहेगी।"
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चंद्र शेखर ने पहले भी दिए हैं विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब चंद्र शेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है। इसी साल जनवरी में राजद मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस 'समाज में नफरत फैलाता है'। उन्होंने कहा था, “एक राष्ट्र प्यार और स्नेह से महान बनता है। रामचरितमानस, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स जैसी पुस्तकों ने नफरत और सामाजिक विभाजन के बीज बोये। यही कारण है कि लोगों ने मनुस्मृति को जलाया और रामचरितमानस के एक हिस्से पर आपत्ति जताई। ये ग्रंथ दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के लिए शिक्षा के खिलाफ बात करते हैं।”
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