वोटिंग के बाद भी बिहार की इन 3 खास सीटों पर हाई सिक्यूरिटी

Published : Nov 08, 2025, 03:39 PM IST
AAIB Chief GVG Yugandhar, probing Air India crash, gets CRPF's X category security cover

सार

बिहार चुनाव 2025 के बाद पटना के 3 बाहुबली गढ़ों- मोकामा, बाढ़, दानापुर में परिणाम के बाद हिंसा की आशंका है। इसलिए, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए STF और BMP की विशेष टीमें तैनात रहेंगी। यह सुरक्षा घेरा रिजल्ट के बाद भी जारी रहेगा।

पटनाः बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है और ईवीएम जमा हो चुकी हैं, लेकिन पटना जिले की तीन विधानसभा क्षेत्र मोकामा, बाढ़ और दानापुर से सुरक्षाकर्मियों को नहीं हटाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में चुनाव परिणाम आने के बाद संभावित हिंसक झड़पों की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने एसटीएफ (STF) और बीएमपी (BMP) की विशेष टीमें तैनात रखने का फैसला किया है। आम तौर पर मतदान के बाद अर्द्धसैनिक बल हटा लिए जाते हैं, लेकिन इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षा का यह अभेद्य घेरा रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद तक बना रहेगा।

मोकामा की बाहुबली रंजिश और हत्याकांड का साया

मोकामा विधानसभा सीट पर जेडीयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह का सीधा मुकाबला बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी से है। यह मुकाबला शुरू से ही बाहुबलियों के वर्चस्व की लड़ाई रहा है। इस सीट की संवेदनशीलता को तब और बल मिला जब मतदान से ठीक पहले अनंत सिंह का गढ़ माने जाने वाले इलाके में दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में गोलियां चली थीं और हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद अनंत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भी भेजा गया। प्रशासन को डर है कि चुनाव परिणाम आने के बाद प्रतिशोध की भावना से कोई बड़ी अनहोनी या हिंसक टकराव हो सकता है।

बाढ़ और दानापुर में बाहुबलियों की सीधी चुनौती

बाढ़ और दानापुर दोनों ही सीटें बाहुबली प्रत्याशियों के मैदान में होने के कारण संवेदनशील बनी हुई हैं। बाढ़ से राजद प्रत्याशी बाहुबली लल्लू मुखिया और दानापुर से राजद प्रत्याशी बाहुबली रीतलाल यादव चुनावी मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों का लंबा आपराधिक और राजनीतिक इतिहास रहा है। ऐसे नेताओं के समर्थकों के बीच जीत या हार के बाद वर्चस्व स्थापित करने के लिए अक्सर हिंसक झड़पें हो जाती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना सामान्य पुलिस बल के लिए मुश्किल होता है। इसलिए, स्थिति को तुरंत कंट्रोल करने के लिए एसटीएफ और बीएमपी जैसे विशेष बलों की तैनाती जरूरी समझी गई है।

परिणाम के बाद हिंसा की आशंका

सूत्रों के अनुसार, चुनाव में परिणाम आने के बाद आपसी भिड़ंत की संभावना हर बार इन क्षेत्रों में बनी रहती है। प्रशासन इस बात को लेकर सतर्कता बरतता है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कोई भी पक्ष जश्न या निराशा में कानून-व्यवस्था को हाथ में न ले। संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने का मकसद यह भी है कि किसी भी आपात स्थिति में प्रतिक्रिया (Response Time) को कम किया जा सके और बल की मौजूदगी से ही बवाल को शुरू होने से पहले ही रोका जा सके।

एरिया डोमिनेशन और चेकिंग जारी रहेगी

ग्रामीण एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि तमाम केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां शनिवार को इन क्षेत्रों से चली जाएंगी, लेकिन पटना पुलिस के साथ एसटीएफ और बीएमपी की टीमें लगातार मोर्चा संभालेंगी।

  • मुख्य कार्य: गाड़ियों की सघन चेकिंग और 'एरिया डोमिनेशन' का काम निरंतर चलता रहेगा।
  • प्रशासन की मंशा: सूत्रों के मुताबिक, यह व्यवस्था इसलिए की जा रही है ताकि रिजल्ट आने के बाद हार-जीत की रंजिश में होने वाली किसी भी तरह की अनहोनी या आपसी भिड़ंत की स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया जा सके।

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Nitish Kumar ने PM Modi का जिक्र कर विपक्ष को दी चेतावनी! देखें पूरा बयान
रसगुल्ला कम पड़ते ही शादी बनी जंग का मैदान