Explainer: महुआ विधानसभा सीट पर चुनाव 2025 होगा दिलचस्प, यहां समझिए पूरा समीकरण

Published : Jul 28, 2025, 11:09 PM IST
lalu yadav son tej pratap and Tejashwi Yadav

सार

Tej Pratap Yadav Mahua 2025: बिहार की महुआ विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। तेज प्रताप ने महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर RJD की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन मौजूदा विधायक का कहना है कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

Bihar Election 2025: वैशाली जिले का महुआ विधानसभा क्षेत्र 2025 के बिहार चुनाव का कुरुक्षेत्र बनने जा रहा है। लालू परिवार और पार्टी से बेदखल किए गए तेज प्रताप यादव ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, वहीं वर्तमान विधायक मुकेश रोशन भी मैदान में उतर गए हैं। महुआ से चुनाव लड़ने की तेज प्रताप की चुनौती को स्वीकार करते हुए मुकेश रोशन ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि कोई भी चुनाव लड़े, क्योंकि पार्टी और जनता उनके साथ है।

2025 में तेज प्रताप यादव महुआ सीट से शुरू की थी राजनीति

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने 2015 में महुआ सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। महुआ सीट से विधायक बनने के बाद तेज प्रताप बिहार सरकार में मंत्री बने, लेकिन 2020 में उन्होंने महुआ सीट छोड़ दी और हसनपुर क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि बना लिया। वह हसनपुर सीट से विधायक भी बने, लेकिन परिवार और पार्टी से अलग-थलग पड़ने के बाद तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट से फिर से किस्मत आजमाने का फैसला किया है, चाहे राजद उन्हें टिकट दे या न दे।

तेज प्रताप के चुनाव लड़ने से नहीं पड़ेगा कोई असर- मुकेश रोशन

राजद के वर्तमान विधायक मुकेश रोशन ने भी महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तेज प्रताप यादव की चुनौती स्वीकार कर ली है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तेज प्रताप के चुनाव लड़ने से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि महुआ सीट पर मुकेश रोशन तेज प्रताप यादव को कितनी टक्कर दे पाएंगे?

महुआ से चुनाव लड़ेंगे तेज प्रताप

तेज प्रताप यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से जुड़ने के लिए जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। तेज प्रताप यादव ने वैशाली जिले की महुआ सीट से फिर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि महुआ की जनता चाहती है कि वह वहीं से चुनाव लड़ें। तेज प्रताप के मुताबिक, लोगों का कहना है कि अगर राजद का कोई और उम्मीदवार यहां से चुनाव लड़ता है तो वो उसे वोट नहीं देंगे। तेज प्रताप ने कहा कि 'मैं हर हाल में महुआ से ही चुनाव लड़ूंगा, अगर टिकट मिला तो राजद से, नहीं मिला तो निर्दलीय, लेकिन चुनाव लड़ूंगा।'

 2020 में तेज प्रताप ने बदल दी थी सीट

महुआ को अपनी कर्मभूमि बताते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि वह महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। महुआ विधानसभा क्षेत्र वही है जहां से तेज प्रताप यादव ने 2015 का विधानसभा चुनाव जीता था और 2017 तक नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री रहे थे। हालांकि, साल 2020 में तेज प्रताप ने सीट बदल ली और हसनपुर से विधायक बन गए। तेज प्रताप की सीट छोड़ने की बजाय, मुकेश रोशन ने महुआ सीट से राजद के टिकट पर किस्मत आजमाई और विधायक बने।

तेज प्रताप बनाम मुकेश रोशन

महुआ विधानसभा सीट से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले तेज प्रताप यादव और राजद के मौजूदा विधायक मुकेश रोशन आमने-सामने हैं। ऐसे में 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़े तेज प्रताप यादव को 66927 वोट मिले थे, जो 43.34 प्रतिशत थे। हम से चुनाव लड़े रविंदर राय को 38772 वोट मिले थे, जो 25.11 प्रतिशत थे। तेज प्रताप 28155 वोटों से जीतकर विधायक बने। उस समय राजद को कांग्रेस-जदयू का समर्थन प्राप्त था।

2020 में मुकेश कुमार रोशन ने किस्मत आजमाई

वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश कुमार रोशन ने राजद के टिकट पर किस्मत आजमाई। मुकेश रोशन को 36.48 प्रतिशत के साथ 62747 वोट मिले। जदयू के टिकट पर अस्मा परवीन को 33.5 प्रतिशत के साथ 48,893 वोट मिले। मुकेश रोशन 13764 वोटों के अंतर से जीतकर विधायक बने। मुकेश रोशन जीतने में सफल रहे, लेकिन तेजप्रताप की जीत का अंतर दोगुना था। हालांकि, 2015 में जदयू का समर्थन प्राप्त था, जबकि 2020 में उसका मुकाबला राजद से था।

तेज प्रताप बिगाड़ सकते हैं खेल

महुआ विधानसभा सीट पर राजद का दस साल से कब्ज़ा है, लेकिन तेज प्रताप यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ना राजद का राजनीतिक गणित बिगाड़ सकता है। 2020 में महुआ से विधायक बने मुकेश रोशन तेज प्रताप के इस ऐलान से नाराज जरूर हैं, लेकिन जाहिर नहीं कर रहे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेज प्रताप यादव का यह कदम राजद के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, खासकर महुआ सीट पर, जहां उनका पहले से ही प्रभाव है।

 राजद के वोटों का बिखराव

तेज प्रताप के निर्दलीय चुनाव लड़ने से राजद के वोटों के बिखराव की आशंका है। मुकेश रोशन ने सिर्फ़ 13 हजार वोटों से जीत हासिल की थी, ऐसे में अगर जदयू 2025 में चुनाव लड़ती है, तो उसे भाजपा, लोजपा और जीतन राम मांझी की पार्टी का समर्थन मिलेगा। एनडीए के वोट एकजुट रहने की संभावना है, तो वहीं तेज प्रताप के आने से महागठबंधन के वोटों में बिखराव हो सकता है। तेज प्रताप राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं, उनकी यह पहचान राजद के वोटों के बिखराव का खतरा पैदा करेगी।

महुआ सीट का राजनीतिक समीकरण

महुआ विधानसभा सीट का जातीय समीकरण भी खासा प्रभाव डालता है। यादव, मुस्लिम, सुनार और कुशवाहा जैसी जातियां चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। महुआ क्षेत्र की कुल आबादी में मुस्लिम और यादव समुदाय की अनुमानित हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से ज़्यादा है। मुस्लिम और यादव राजद के कोर वोटर माने जाते हैं। इसके अलावा, अनुसूचित जातियों की आबादी भी लगभग 21 प्रतिशत है, जिनमें पासवान और रविदास समुदाय बहुसंख्यक हैं।

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क्या मुकेश तेज प्रताप को कड़ी टक्कर दे पाएंगे?

अगर तेज प्रताप यादव निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो राजद के कोर वोट बैंक में बिखराव की स्थिति बन सकती है। हालांकि, मुकेश कुमार रोशन की अपनी राजनीतिक पकड़ है। इसी का नतीजा है कि तेज प्रताप के सीट छोड़ने के बाद भी मुकेश कुमार रोशन 2020 में विधायक बनने में सफल रहे हैं। यही वजह है कि मुकेश रोशन ने तेज प्रताप के चुनाव लड़ने के ऐलान की चुनौती स्वीकार की और साफ कहा कि उन्हें कोई चिंता नहीं है, क्योंकि पार्टी और जनता उनके साथ है।

 तेज प्रताप यादव की राजनीति कमजोर?

तेज प्रताप यादव जब राजद में थे, तब मुकेश कुमार रोशन से उनके करीबी रिश्ते थे। अब तस्वीर अलग है। मुकेश रोशन अभी भी राजद में हैं और महुआ से विधायक हैं। तेज प्रताप यादव 'गैरदलीय' हो गए हैं। मुकेश रोशन को फिलहाल राजद नेता तेजस्वी यादव का समर्थन हासिल है। लालू परिवार और पार्टी से अलग होने के बाद तेज प्रताप यादव की राजनीति कमजोर पड़ गई है।

वोट बंटने पर राजद को हो सकता है नुकसान

अगर 2025 के चुनाव में मुकेश रोशन को राजद से टिकट मिलता है, तो तेज प्रताप यादव को तेजस्वी यादव से लेकर लालू यादव तक समर्थन नहीं मिल पाएगा। ऐसे में मुकेश रोशन का राजनीतिक पलड़ा भारी रह सकता है, लेकिन तेज प्रताप के निर्दलीय चुनाव लड़ने से वोटों के बंटवारे की संभावना है। जिस तरह से 2020 में एनडीए उम्मीदवार की हार का अंतर कम हुआ है, उससे एक बात साफ है कि अगर तेज प्रताप के चुनाव लड़ने से वोट बंटते हैं, तो राजद के लिए इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखना आसान नहीं होगा।

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