
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अंदर टिकट वितरण को लेकर विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बार मोकामा सीट को लेकर पार्टी के भीतर अनंत सिंह को लेकर तीखा संघर्ष देखने को मिल रहा है। पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह की जदयू में वापसी की चर्चा जोर पकड़ रही है, लेकिन पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता उनकी उम्मीदवारी के विरोध में हैं।
जेल से हाल ही में रिहा हुए अनंत सिंह ने साफ कर दिया है कि वे इस बार मोकामा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर भी सक्रियता बढ़ा दी है और आगामी 16 सितंबर को मोकामा में होने वाले एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। सम्मेलन के पोस्टरों में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह की तस्वीरें हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि अनंत सिंह जदयू के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं।
लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोकामा से चुनाव लड़ चुके एमएलसी नीरज कुमार ने अनंत सिंह की सक्रियता पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नीरज कुमार का तंज है कि अनंत सिंह को पहले जदयू की सदस्यता लेनी चाहिए, तभी उनकी उम्मीदवारी हो सकती है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को भी सावधानी बरतने की नसीहत दी, क्योंकि अनंत सिंह की आपराधिक छवि पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
नीरज कुमार खुद भी इस बार मोकामा से चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। अनंत सिंह और नीरज कुमार दोनों ही मजबूत दावेदार हैं, जिससे पार्टी के भीतर टिकट को लेकर विवाद गरमाया है। अनंत सिंह अभी तक आधिकारिक रूप से जदयू में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन वे खुद को एनडीए का नेता बताते हुए मोकामा सीट के लिए प्रमुख उम्मीदवार के रूप में पेश कर रहे हैं।
उनकी पत्नी नीलम देवी ने पिछले उपचुनाव में राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में राजद से बगावत कर वह नीतीश सरकार का समर्थन करने लगीं। अनंत सिंह का एनडीए के साथ नज़दीकी भी जेल से रिहाई के बाद बढ़ी है।
16 सितंबर को होने वाला एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन न केवल संगठनात्मक कार्यक्रम होगा, बल्कि जदयू के लिए यह निर्णायक होगा कि आखिर मोकामा से किसे उम्मीदवार बनाया जाए। इससे यह भी साफ होगा कि अनंत सिंह को फॉर्मल रूप से पार्टी में शामिल किया जाएगा या नहीं। पार्टी के अंदर चल रही यह घमासान मोकामा क्षेत्र की राजनीति को और पेचीदा कर रही है और पूरे बिहार चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकती है। आने वाले कुछ दिन राजनीतिक संगठनों और नेता-कार्यकर्ताओं के लिए परीक्षा और रणनीति बनाने का समय होगा।
बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।