Bihar Election News: बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में दरार? कांग्रेस के बयान से बवाल

सार

Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में असहमति के स्वर उभरने लगे हैं। कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के बयान से महागठबंधन में विवाद गहराया। 

Bihar Election News: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन के दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी बीच कांग्रेस में असहमति के स्वर उभरने लगे हैं। पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु के एक बयान ने महागठबंधन में विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी समेत कई नेता इस बयान से असहमत नजर आ रहे हैं।

सीएम फेस को लेकर नया विवाद

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कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने हाल ही में कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने पर अभी बैठक होनी बाकी है। यह बयान महागठबंधन के लिए अप्रत्याशित था, क्योंकि पहले ही अंदरखाने यह तय किया जा चुका था कि तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

कांग्रेस में ही उभरे विरोध के स्वर

कृष्णा अल्लावरु के इस बयान के बाद महागठबंधन में असहमति की स्थिति बन गई। कांग्रेस के भीतर से भी इस बयान का विरोध शुरू हो गया। यह सवाल उठने लगे कि क्या कांग्रेस अब तेजस्वी यादव को सीएम फेस मानने में हिचकिचा रही है? कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने अपने ही पार्टी प्रभारी के बयान पर असहमति जताते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।

क्या कांग्रेस के नेता असहज महसूस कर रहे हैं?

मुन्ना तिवारी का बयान यह संकेत देता है कि कांग्रेस के अंदर भी इस मुद्दे पर दो राय बन रही हैं। कुछ नेता पार्टी प्रभारी के बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ तेजस्वी यादव को ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानने पर अडिग हैं।

कांग्रेस के लिए अंदरूनी कलह का खतरा

अगर कांग्रेस के नेता खुद ही अपने प्रभारी के बयान का विरोध कर रहे हैं, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा संकट बन सकता है। इससे पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता का माहौल पैदा हो सकता है। कहा जा रहा है कि यदि महागठबंधन के अंदर असहमति बढ़ती रही, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

कांग्रेस की मजबूती की कोशिश

बिहार कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से उतरना चाहती है। पार्टी आलाकमान ने तय किया है कि कांग्रेस को महागठबंधन में अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी। पिछली बार की तुलना में कांग्रेस इस बार अधिक सीटों पर लड़ने की योजना बना रही है।

आरजेडी के सामने कमजोर नहीं पड़ना चाहती कांग्रेस

पिछले चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन के भीतर अपेक्षाकृत कम सीटें मिली थीं। इस बार कांग्रेस अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए आरजेडी के साथ तालमेल में किसी भी तरह की कमजोरी नहीं दिखाना चाहती। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को आरजेडी के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए, लेकिन अपनी स्वतंत्र पहचान भी बनाए रखनी होगी।

 

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