
Bihar Famous Sweets: बिहार अपने स्वादिष्ट डिशेज के लिए पॉपुलर है। यहां के ट्रेडिशनल स्वीट्स की बात करें तो छपरा के एकमा में स्थित आमढारी ढाला का पेड़ा एक ऐसी मिठाई है, जिसने न केवल बिहार बल्कि देश और विदेशों तक अपनी मिठास फैलाई है। इसकी खासियत इसका अनोखा स्वाद है। आइए जानते हैं इस खास पेड़े की कहानी।
दुबई और थाईलैंड तक एक्सपोर्ट
बिहार के एकमा कस्बे के आमढारी ढाला में बनने वाला यह पेड़ा दशकों से लोगों के दिलों पर राज कर रहा है। ये मिठाई शादी-ब्याह, त्यौहार और खास अवसरों पर बड़े चाव से खाया और परोसा जाता है। इसकी बढ़ती पॉपुलरिटी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब इसे दुबई और थाईलैंड तक एक्सपोर्ट किया जा रहा है।
लकड़ी की धीमी आंच पर पकती है मिठाई
इस पेड़े के स्वाद का राज छुपा है, इसे बनाने की ट्रेडिशनल विधि में। इसे तैयार करने की प्रक्रिया बेहद अनोखी होती है। इसे बनाने के लिए ताजा गाय के दूध को लकड़ी की धीमी आंच पर घंटों तक पकाया जाता है। जब दूध गाढ़ा होकर खोया में बदल जाता है, तब उसमें हल्की मात्रा में इलायची और चीनी मिलाई जाती है। फिर इसे ठंडा कर हाथों से गोल आकार दिया जाता है।
महीने में 10 लाख रुपये से अधिक का व्यापार
छपरा के एकमा के इस पेड़े का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है। इस छोटे से कस्बे में 12 से ज्यादा दुकानों पर यह पेड़ा बनाया जाता है। इसकी कीमत भी किफायती है। 10 रुपये प्रति पीस और 360 रुपये प्रति किलो में इसे बेचा जाता है। शादी, त्यौहार, जन्मदिन और अन्य समारोहों में इसे बड़े पैमाने पर ऑर्डर किया जाता है। यही कारण है कि हर महीने इसका व्यापार 10 लाख रुपये से अधिक का हो चुका है।
विदेशों तक पहुंची बिहारी मिठास
आमढारी ढाला के इस फेमस पेड़े ने देश के कई राज्यों में भी अपनी पहचान बनाई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल में इसकी जबरदस्त मांग है। खास बात है कि अब लोग इसे विदेशों में भी मंगाने लगे हैं, इसकी मिठास दुबई और थाईलैंड जैसे देशों तक पहुंच चुकी है। कई लोग इस मिठाई का ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं।
हजारों परिवारों की आजीविका का बना जरिया
यह पेड़ा अब हजारों लोगों के जीवन का अहम हिस्सा भी बन चुका है। स्थानीय किसान डेली 3 क्विंटल से अधिक दूध सप्लाई करते हैं, जिससे यह पेड़ा तैयार होता है। इस बिजनेस से दर्जनों लोग जुड़े हैं, जो दूध सप्लाई, पेड़ा निर्माण और बिक्री के काम में लगे हैं। पेड़े के बढ़ते व्यापार ने कई छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को रोज़गार का अवसर दिया है।
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