Bihar Land Survey: कौन करता है जमीन दस्तावेजों की जांच और विवादों का निपटारा?

Published : Feb 12, 2025, 03:31 PM IST
bihar land survey

सार

Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम जारी है, जिसमें भूमि दस्तावेजों की जांच, विवादों का समाधान और सीमांकन सत्यापन शामिल है। जानिए इस काम की जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास होती है और उनकी भूमिका के बारे में।

Bihar Land Survey: बिहार में जमीनों के सर्वेक्षण का काम जारी है। भूमि से जुड़े दस्तावेज अपडेट किए जा रहे हैं, ताकि किसी क्षेत्र विशेष में भूमि की सही जानकारी मिल सके। सर्वे के काम में जमीन के स्वामित्व का सत्यापन, सीमांकन, कर निर्धारण और विवादों का समाधान शामिल होता है। पर क्या आप जानते हैं कि इस काम की जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास होती है? आइए डिटेल में जानते हैं।

भूमि सर्वेक्षण में कौन-कौन से अधिकारी शामिल होते हैं?

बिहार में भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया में कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं, जिनकी जिम्मेदारियां अलग-अलग होती हैं। मुख्य तौर पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (Assistant Settlement Officer) ही वो मुख्य अधिकारी होता है, जिसकी भूमि दस्तावेजों की जांच, विवादों का निपटारा और सीमांकन सत्यापन की जिम्मेदारी होती है।कानूनगो और अमीन भी इस कार्य में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की क्या जिम्मेदारी?

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी भूमि सर्वेक्षण प्रॉसेस में अहम भूमिका निभाते हैं। वे जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच, विवादों के समाधान और विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करते हैं।

1. रैयतों (भूमि मालिकों) द्वारा पेश स्व-घोषित दस्तावेजों की जांच करना। अभिलेखों को डिजिटल रूप से अपडेट कराना।

2. विवादित भूमि की पहचान और सत्यापन करना।

3. ग्रामीण स्तर पर वंशावली की पुष्टि कराना। ग्राम सभा और स्थानीय अधिकारियों की मदद से दस्तावेजों की जांच करना।

4. अनावश्यक सरकारी भूमि का विवरण तैयार करना। अतिक्रमण हटाने और सरकारी जमीन की रक्षा के लिए कार्रवाई करना।

5. त्रि-सीमाना और अन्य सीमांकन प्रॉसेस की निगरानी करना। भूमि सीमा निर्धारण में आने वाली दिक्कतों को हल करना।

6. भूमि माप से जुड़े दस्तावेजों की समीक्षा करना। खेसरा पंजी और अमीन डायरी में दर्ज जानकारी को सत्यापित करना।

7. रैयतों द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों पर विचार करना। सरकारी भूमि पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई करना।

8. सर्वेक्षण के दौरान मिली आपत्तियों के आधार पर भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना।

9. अंतिम अधिकार अभिलेख के पूर्ण होने से पहले कर निर्धारण की समीक्षा करना। कानूनगो और अमीन द्वारा लगान दर तालिका की जांच कराना।

 

ये भी पढें-फेसबुक से शुरू लव स्टोरी कैसे धोखा तक पहुंची? गाजियाबाद से भागलपुर पहुंची लड़की तो हो गया गजब

 

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Nitish Kumar ने PM Modi का जिक्र कर विपक्ष को दी चेतावनी! देखें पूरा बयान
रसगुल्ला कम पड़ते ही शादी बनी जंग का मैदान