
Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक बड़ी छापेमारी की है। बिहार भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास के ठिकानों से भारी संख्या में नकदी बरामद होने की सूचना है। नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगाई गईं हैं।
तारिणी दास पर आरोप: टेंडर मैनेजमेंट में भूमिका
यह छापेमारी पटना के अनीसाबाद स्थित पूर्णेन्दू नगर समेत 6 से 7 ठिकानों पर की गई। आरोप है कि चीफ इंजीनियर तारिणी दास ठेकेदारों को टेंडर मैनेज कराने में सहायता करते थे और इसके बदले में मोटी रकम वसूलते थे। यह मामला सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पांच महीने पहले मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।
आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव से जुड़े तार
इस केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव की गिरफ्तारी भी दिल्ली के एक रिसॉर्ट से हुई थी। गौरतलब है कि आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर लगे गैंगरेप के आरोप की जांच के दौरान पटना पुलिस को काली कमाई के कई अहम सबूत मिले थे। जब ये साक्ष्य विजिलेंस को मिले तो पूरे घोटाले की परतें खुलने लगीं और ईडी की जांच ने रफ्तार पकड़ ली।
ईडी की कार्रवाई को लेकर सियासी गलियारा गरम
राजनीतिक गलियारें में ईडी की इस कार्रवाई को लेकर बहस शुरू हो गई है। राजद विधायक राकेश रौशन ने इसको लेकर बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार में अधिकारियों पर कोई कंट्रोल नहीं है। पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग की जा रही है। दूसरी तरफ बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान सरकार के बचाव में उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि बिहार में जो भी गलत कर रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई हो रही है। यहां सुशासन की गवर्नमेंट है। किसी को बचाया नहीं जा रहा है।
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