Bihar Teacher Transfer News: शिक्षकों के तबादले पर सख्त हुआ चुनाव आयोग, बिना 1 काम के नहीं होंगे ट्रांसफर

Published : Jul 20, 2025, 04:03 PM ISTUpdated : Jul 20, 2025, 05:13 PM IST
Bihar teacher transfer news

सार

Bihar voter list revision 2025: वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण पूरा होने तक बिहार में शिक्षकों और अधिकारियों के तबादले पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर सख्त निर्देश जारी किया है।  

Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग के निर्देश पर बिहार के मुख्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से कहा कि पुनरीक्षण कार्य पूरा होने तक जिला निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी, पर्यवेक्षक एवं मतदाता सूची से जुड़े अन्य कर्मियों का ट्रांसफर आयोग की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा।

1 जुलाई से शुरू किया जा SIR 

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने 28 जून को सभी विभागों को पत्र लिखकर मतदाता सूची के कार्य से जुड़े कर्मियों का ट्रांसफर रोकने का आदेश दिया था। शिक्षा विभाग को भेजे पत्र में आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और बीएलओ जैसे पद खाली न रहें और उनके विभागीय कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यह कदम SIR (Special Intensive Revision) को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए उठाया गया है, इस कार्य को 1 जुलाई से शुरू किया गया, जिसके तहत 7.89 करोड़ मतदाताओं की सूची का सत्यापन किया जा रहा है।

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1.69 करोड़ फॉर्म हुआ जमा

इस संशोधन के तहत, बूथ स्तर के अधिकारी, जिनमें ज़्यादातर शिक्षक और सेविकाएं हैं, घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं। अब तक 1.69 करोड़ गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 21.46% है। मतदाता 25 जुलाई तक दस्तावेज जमा कर सकते हैं और मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सत्यापन प्रक्रिया में आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज स्वीकार किए जाएं, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था।

वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण मामले में 28 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

इस प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मान्य मानने का सुझाव दिया था, ताकि सत्यापन प्रक्रिया समावेशी बनी रहे। विपक्षी दलों ने एसआईआर को जटिल और भेदभावपूर्ण बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, लेकिन न्यायालय ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और अगली सुनवाई 28 जुलाई के लिए निर्धारित की गई है।

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