
Bihar ki Badi Khabr: राजधानी पटना के बांस घाट पर बिहार का पहला आधुनिक मुक्तिधाम यानी शवदाह गृह बन रहा है। यह शवदाह गृह सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और पहले से तीन गुना बड़ा होगा। पहले जहां यह घाट 1.24 एकड़ में फैला हुआ था, वहीं अब इसे 4.5 एकड़ में विस्तारित और विकसित किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना पर कुल लागत करीब 89.40 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसका निर्माण कार्य जुलाई तक पूरा होने की संभावना है। बुडको के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
इस आधुनिक शवदाह गृह में कई आधुनिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों और परिजनों को आराम और सुविधा देने के लिए यहां कैंटीन और वेटिंग हॉल समेत तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। दाह संस्कार के बाद परिजन नदी किनारे जाने के बजाय स्वच्छ और सुरक्षित स्थान पर स्नान कर सकेंगे।
परिजनों की निजता और सुविधा के लिए अलग-अलग कमरे उपलब्ध होंगे। पांच दाह संस्कार प्लेटफार्म बनाए जाएंगे, जिनमें से दो इलेक्ट्रिक होंगे और तीन पर पारंपरिक लकड़ी से दाह संस्कार की सुविधा होगी। साफ-सफाई और रखरखाव के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पर्यावरण और गंगा की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह परियोजना न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे गंगा नदी की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक आदर्श परियोजना के रूप में भी देखा जा रहा है। इसके लिए प्रशासन ने इलाके में अतिक्रमण भी हटा दिया है, ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए। इस परियोजना के पूरा होने से पटना और आसपास के नागरिकों को काफी सुविधा मिलेगी और संवेदनशील मौकों पर सुविधाजनक और सम्मानजनक व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।
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