नवादा में गांव वालों के बीच क्यों फंस गए भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह?

Published : Nov 11, 2025, 04:33 PM IST
bjp

सार

बिहार चुनाव 2025 के दौरान, नवादा के हिसुआ में भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उन पर 5 साल तक क्षेत्र की उपेक्षा करने और केवल चुनाव के समय आने का आरोप लगाया।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान मंगलवार को जारी है। इसी बीच, नवादा ज़िले के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनावी माहौल को गरमाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। यहाँ एनडीए के भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह को धुरिया गांव में ग्रामीणों और विपक्षी समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण चुनावी सरगर्मी के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई। ग्रामीणों ने प्रत्याशी पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उन्हें तुरंत गाँव से बाहर जाने को कहा।

विरोध का कारण: 'केवल चुनाव के समय ही आते हैं'

यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह मतदान के दिन मतदाताओं से मिलने और अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए धुरिया गांव पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप था कि अनिल सिंह को गाँव से कोई ज़मीनी समर्थन नहीं है और वह केवल "चुनाव के समय ही दर्शन देने" आते हैं, जबकि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया।

इस आरोप को लेकर अनिल सिंह और गाँव के कुछ लोगों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई, जिसने जल्द ही एक विवाद का रूप ले लिया। सूत्रों के मुताबिक, इस विरोध की आग को भड़काने में कांग्रेस नेता जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू सिंह और उनके समर्थकों का हाथ था। दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की और झड़प की नौबत आ गई।

इस दौरान भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह बचाव करते हुए यह कह रहे थे कि "मेरे द्वारा तो कुछ कहा नहीं गया, यह लोग मेरे साथ गलत कर रहे हैं और बेवजह का विवाद कर रहे हैं।" गाँव में तनावपूर्ण स्थिति की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचा। पुलिस बल ने दोनों पक्षों के बीच हस्तक्षेप करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और प्रत्याशी को सुरक्षित बाहर निकाला।

हिसुआ सीट का राजनीतिक समीकरण

हिसुआ सीट नवादा ज़िले की एक महत्वपूर्ण सीट है जहाँ मुकाबला अक्सर कड़ा रहता है। इस तरह की घटनाएँ मतदान के दिन ज़मीनी स्तर पर विपक्षी पार्टियों के बीच की तीव्र प्रतिद्वंद्विता और आपसी खींचतान को दर्शाती हैं। विरोध के बावजूद, किसी भी पक्ष द्वारा पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए गाँव में निगरानी बढ़ा दी है कि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। यह घटना दर्शाती है कि इस बार बिहार के मतदाता अपने जन प्रतिनिधियों से सवाल पूछने और उनसे हिसाब लेने में अधिक मुखर हो रहे हैं।

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

सिर्फ 1 रुपए में यहां की सरकार दे रही है जमीन! जानें नियम और आखिरी तारीख
Patna Weather Today: पटना में 6 दिसंबर को कैसा रहेगा मौसम, IMD ने दी चेतावनी