बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) पर पटना हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद सियासत गरमा गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर अपना रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक जनता की मांग जातीय जनगणना है और यह जातीय जनगणना होकर रहेगी।
पटना। बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) पर पटना हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद सियासत गरमा गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर अपना रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक जनता की मांग जातीय जनगणना है और यह जातीय जनगणना होकर रहेगी। भाजपा पर हमला करते हुए लालू ने कहा कि बहुसंख्यक पिछड़ों से भाजपा इतनी भयभीत क्यों है?
कहा-चालाकी समझ चुकी है जनता
कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने यह भी कहा कि जातीय जनगणना का विरोधी समता, मानवता और समानता का भी विरोधी है और ऐसे लोग गरीबी, बेरोजगारी, ऊँच-नीच, पिछड़ेपन के साथ सामाजिक और आर्थिक भेदभाव के समर्थक हैं। जातीय जनगणना पर देश की जनता भाजपा की कुटिल चाल व चालाकी को समझ चुकी है। लालू यादव के इस बयान के बाद ट्वीटर पर उनके पक्ष और विपक्ष में कमेंट आने लगें।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
इसके पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि भाजपा के लोग जाति आधारित सर्वे पर रोक से खुशी मना रहे हैं। इनकी केंद्रीय सरकार जातिगत गणना से इंकार करती है। देश के किसी भी भाजपा शासित राज्य में ऐसा नहीं हो रहा है। यह लोग आरक्षण समाप्त करने और कराने वाले लोग हैं। इनकी सच्चाई से देश की बहुसंख्यक जनता जान गई है।
बीजेपी नेताओं ने दिया ये जवाब
लालू यादव के ट्वीट के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सब नाटक नीतीश कुमार जानबूझकर कराए हैं। सरकार ने कोर्ट में ठीक से अपना पक्ष नहीं रखा। इसी वजह से कोर्ट की तरफ से जातीय जनगणना पर अंतरिम रोक लगाई गई है। इसके लिए सीएम नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के लिए बिहार सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है। नेता विरोधी दल विजय कुमार कुमार सिन्हा ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि इनकी नीयत में पहले दिन से ही खोट है।