मुम्बई के 18 वर्षीय पवन कुमार दो साल पहले तक, एक साधु को अपना पिता मानकर उसके साथ रहते थे। मंदिर में पूजा-पाठ करने वाला साधु भी पवन को अपने बेटे की तरह मानता था। सच जानने के बाद अब वह अपने माता-पिता को ढूंढ रहे हैं।
छपरा। आपने अक्सर फिल्मों में यह देखा होगा कि बच्चे का कम उम्र में अपहरण हो जाता है और जब वह बच्चा बड़ा होता है, तब उसे असलियत का पता चलता है। ठीक ऐसा ही मुम्बई के 18 वर्षीय पवन कुमार के साथ हुआ है। दो साल पहले तक, वह मुम्बई में एक साधु को अपना पिता मानकर उसके साथ रहते थे। मंदिर में पूजा-पाठ करने वाला साधु भी पवन को अपने बेटे की तरह मानता था। उसने पवन को एक कहानी सुना रखी थी कि उसकी मॉं की मौत हो गई है और वही उसका बेटा है।
सुनाई फिल्मी स्टाइल में बच्चा चोरी की कहानी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अचानक दो साल पहले उस साधु की तबियत बिगड़ गई। मौत से पहले उसने पवन के सामने बड़ा राज खोलते हुए बताया कि वह उसका बेटा नहीं है। उसने पवन को यह भी बताया कि 15 साल पहले उसे चुराया गया था। वह मंदिर में ही सेवा कार्य में लगा रहता था।
साधु ने पैरेंट्स के पूजा करते वक्त चुराया
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की घटना बताई। जिसमें उसके माता-पिता मंदिर पर पूजा करने आए थे, उसी समय अरेराज धाम से उसे एक साधु ने चुराया था। उस वक्त बच्चे की उम्र तीन वर्ष थी। साधु ने पवन को बताया कि उस साधु से बच्चे को लेकर वह मुंबई चला आया और पुत्र की तरह पाला।
साधु की मौत के बाद आया बिहार
अपने मौत से पहले साधु ने जब पवन के सामने यह राज खोला तो वह दंग रह गया। साधु की मौत के बाद अंतिम संस्कार कर युवक बिहार आ गया। तभी से वह बिहार में अपने माता-पिता की तलाश में दर दर भटक रहा है। गांव गांव घूमते हुए अपनी कहानी बता रहा है। अपनी कहानी सुनाते-सुनाते वह रोने भी लगता है। उसे अपने माता-पिता नहीं मिल रहे हैं। फिलहाल, जो भी उसकी कहानी सुनता है। वही भावुक हो जाता है।